News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

दिल्ली में पीएफआइ के ठिकानों पर छापे, 30 सक्रिय कार्यकर्ता हिरासत में; जामिया में लगाई गई धारा 144


नई दिल्ली/गाजियाबाद। देश में आतंकी व हिंसक गतिविधियाें में लगातार पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का नाम सामने आने के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां समेत राज्यों की पुलिस ने पीएफआइ के पदाधिकारियों व सक्रिय कार्यकर्ताओं की धर पकड़ के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अन्य यूनिटों व जिला पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली के छह जिलों के कई मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में छापेमारी कर पीएफआइ के 30 सक्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।

छापे को लेकर बरती गई गोपनीयता

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व केंद्रीय गृह मंत्रालय के मार्गदर्शन में आईबी, एनआइए व ईडी के इनपुट पर दिल्ली पुलिस द्वारा यह कार्रवाई करने की बात बताई जा रही है। मामला अति संवेदनशील होने के कारण दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के संबंध में गोपनीयता बरतने की हिदायत दी गई है। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा खुद दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर नजर रखे रहे। कार्रवाई संबंधी हर जानकारी से गृहमंत्री अमित शाह को अवगत कराया जाता रहा।

मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के उत्तर-पूर्वी दिल्ली, रोहिणी, निजामुद्दीन, आउटर दिल्ली, जामिया, अबुल फजल एन्क्लेव, शाहीनबाग, बटला हाउस व मध्य दिल्ली आदि के 25 से अधिक मुस्लिम बाहुल्य इलाके में छापेमारी की गई। उत्तर-पूर्वी जिले में ही 2020 में एनआरसी के विरोध में भीषण दंगे हुए थे। इन इलाकों को सोमवार देर रात डेढ़ बजे ही पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था।

सबूत तलाशने के लिए मारे छापे

मिली जानकारी के मुताबि, मंगलवार सुबह पांच बजे तक आपरेशन चलता। जिन 30 सक्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है उन सभी के 30 मोबाइल, कई लैपटाप, इलेक्ट्रानिक डिवाइस व आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसकी जांच कर इनकी गतिविधियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। ताकि सुबूत के आधार पर इनकी गिरफ्तारी की जा सके और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की कार्रवाई की जा सके।

जामिया में लगाई गई धारा 144

पीएफआइ के खिलाफ छापेमारी से सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस को अंदेशा था कि वे विरोध स्वरूप आंदोलन न शुरू कर दें। इसको देखते हुए पहले ही जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को सर्कुलर जारी कर किसी भी तहत के प्रदर्शन में शामिल न होने के लिए चेतावनी जारी कर दिया। सर्कुलर में बताया गया कि 19 सितंबर से 17 नवंबर तक पूरे इलाके में धारा 144 लगी रहेगी।

दक्षिण-पूर्वी जिले के लिए एडवायजरी

पत्र जारी कर छात्र-छात्राओं को विस्तार से हिदायत दी गई कि वे कैंपस के भीतर या बाहर समूह में इकट्ठा ना हो। अगर कोई कानून तोड़ेगा तो यूनिवर्सिटी सख्त एक्शन लेगी। दिल्ली के सभी इलाकों में धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली पुलिस को धरना-प्रदर्शन की आड़ में बड़ी साजिश का अंदेशा था, इसलिए दक्षिण-पूर्वी जिले में खासतौर पर एडवाइजरी जारी की गई।

निर्देश में कहा गया है कि छात्र अगले 60 दिनों तक जामिया यूनिवर्सिटी के आसपास विशेष तौर पर मशाल और कैंडल मार्च जैसे प्रदर्शन भी नहीं करेंगे। धारा 144 लगे होने के आदेश का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान पुलिस को कई ऐसे संवेदनशील दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक उपकरण मिले हैं जिससे पता चल रहा है की राजधानी में अशांति फैलाने की योजना बनाई जा रही थी।

22 सितंबर को कई को किया था गिरफ्तार

ज्ञात रहे इससे पहले विगत 22 सितंबर को ईडी ने पीएफआइ के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद, महासचिव इलियास अहमद व आफिस सचिव अब्दुल मुकीत को गिरफ्तार किया था। तीनों को अबुल फजल एन्क्लेव से इनके घरों से गिरफ्तार किया गया था।