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Rajasthan माता बनी कुमाता! उदयपुर में मानसिक रूप से बीमार महिला ने जवान बेटे की गला दबाकर कर दी हत्या


जयपुर। ‘पूत कपूत सुने हैं, पर न माता सुनी कुमाता’ जी हां बहुत से बच्चों द्वारा अपने माता-पिता के साथ कुकर्म और दुर्व्यवहार करने की अपने खबरे सुनी होंगी। लेकिन, अपने बच्चों के लिए कोई मां-बाप बुरी सोच रखता होगा इस बात यकीन करना बहुत मुश्किल है। राजस्थान के उदयपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां अपने जवान बेटे की जान की दुश्मन बन गई।

कपड़े धोने के लिए बंधी रस्सी से दिया घटना को अंजाम

सुबह साढ़े छह बजे 37 वर्षीया मनीषा पारीख ने कपड़े धोने के लिए बंधी रस्सी से अपने 14 साल के बेटे पुरंजय पारीख की गला घोंटकर जान ले ली। बताया गया कि पुरंजय चार मिनट तक तड़पता रहा, तब जाकर उसकी जान निकली। घटना के समय मनीषा के सास-ससुर तथा उसका जेठ मकान के मकान ग्राउंड फ्लोर पर थे लेकिन उन्हें भनक तक नहीं लगी। मनीषा तथा उनका परिवार मकान की पहली मंजिल पर रहते हैं।

मानसिक स्थिति ठीक नहीं

अंबामाता थानाधिकारी हनुवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया- घटना सुबह 6.30 बजे के करीब की है। पुरंजय सो रहा था। मनीषा ने सिरहाने से आकर पुरंजय के गले में कपड़ा सुखाने वाली रस्सी डाल दी। बेटे ने 3 से 4 मिनट तक संघर्ष किया और फिर उसकी जान निकल गई। इसके बाद मनीषा ने ही करीब 7 बजे कंट्रोल रूम को कॉल किया। उसने खुद बताया कि वो अपने बेटे को मार चुकी है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया।

हत्या के कारण को लेकर परिवार वालों से पूछताछ की गई। इसमें किसी भी प्रकार के झगड़े या विवाद की बात सामने नहीं आई। परिवार वालों ने बताया कि मनीषा मानसिक रूप से बीमार है। उसका 2018 से इलाज चल रहा है। गुस्से में आकर उसने बेटे की हत्या कर दी है। पुलिस मेडिकल दस्तावेजों की जांच के आधार पर आगे बढ़ रही है।

पिता मॉर्निंग वॉक पर थे, घर में दादा-दादी और ताऊ थे

थानाधिकारी हनुवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पिता दीपक पारीख (44) की इलेक्ट्रॉनिक्स की शॉप है, वे रविवार सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर गए थे। मनीषा ने पति दीपक को मॉर्निंग वॉक से वापस आते वक्त सब्जी लाने के लिए कॉल भी किया था। ग्राउंड फ्लोर पर दादा, दादी और फर्स्ट फ्लोर पर दीपक पारीख का परिवार रहता है। घटना के वक्त ग्राउंड फ्लोर पर दादा, दादी और ताऊजी थे।

दरवाजा नहीं खोला तब सीढ़ी लगाकर छत से पहुंची पुलिस

थानाधिकारी ने कहा कि यहां पहुंचने पर सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर रह रहे परिजनों से बातचीत हुई। जब उनसे मनीषा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वो बेटे के साथ ऊपर वाले फ्लोर पर है। इस दौरान जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद पुलिस बाहर की तरफ से सीढ़ियां लगाकर फर्स्ट फ्लोर पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया।

3 दिन पहले ही मनाया था बर्थडे

सहेली नगर निवासियों ने बताया कि 3 दिन पहले 27 जुलाई को पारीख परिवार ने पुरंजय का बर्थडे मनाया था। आसपास के लोगों ने कहा कि महिला को मानसिक रूप से बीमार कभी नहीं देखा गया है। हो सकता है कि परिजनों ने इस बीमारी के बारे में छुपाया हो। मनीषा अक्सर बाहर दिखती थी। परंतु बीमार कभी नहीं लगी।