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RSS मुख्यालय की छत पर देसी बीज से उग रहीं सब्जियां, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी ले रहे रुचि


रांची,  RSS News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित संघ मुख्यालय, जहां सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत रहकर संघ की गतिविधियों पर नजर रखते हैं, उसी छत पर इन दिनों देसी बीज से सब्जियां उगाई जा रही हैं। फिलहाल यहां 14 तरह की सब्जियां उगाई जा रही हैं, इनका स्वाद बेजोड़ है। आने वाले दिनों में इसका दायरा और बढ़ाने की तैयारी है। संघ प्रमुख अब देश में जहां भी प्रवास पर जाते हैं, कोशिश होती है कि वहां से देसी बीज लाकर यहां उसे लगाया जाए। संघ मुख्यालय की इस छत को देसी बीज के संरक्षण और संवर्द्धन का केंद्र बनाने की तैयारी है।

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इस योजना को पूरे देश में ले जाने की तैयारी

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की ओर से शुरू की गई इस योजना को पूरे देश में ले जाने की तैयारी है। देशभर में संघ कार्यालय की छतों पर ऐसा ही प्रयोग किया जाएगा, साथ ही दूसरों को भी प्रेरित किया जाएगा कि आप अपने घर की छत पर देसी सब्जियां लगाएं।

 

उत्पादन में गोबर, गोमूत्र और गोकृपामृत का किया जाता है प्रयोग: राज मदनकर

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अखिल भारतीय पेड़ आयाम प्रमुख राज मदनकर और नागपुर संघ कार्यालय प्रमुख अजय जलतारे के नेतृत्व में जैविक विधि से यह खेती हो रही है। राज मदनकर कहते हैं, उत्पादन में गोबर, गोमूत्र और गोकृपामृत का प्रयोग किया जाता है। प्रयोगशाला में तैयार या खाद देकर तैयार बीज का यहां उपयोग नहीं होता है। देसी बीज मिलने में परेशानी तो हो रही है, लेकिन यहां आने वाले अखिल भारतीय प्रवासी अधिकारियों के प्रयास से बीज संग्रह में सफलता मिल रही है।

चार माह पहले शुरू की गई खेती

राज मदनकर ने बताया कि पांच माह पहले संघ मुख्यालय को हरित संघ कार्यालय बनाने की योजना बनाई गई। तय किया गया कि सब्जियों की खेती छत पर की जाए, वो भी देसी बीज। इसके लिए आसपास के गांवों में किसानों से संपर्क किया गया। कई किसानों ने अलग-अलग सब्जियों के बीज उपलब्ध कराए। उसके बाद खेती शुरू की गई। आज एक-दो दिनों के अंतराल पर 12 से 13 लोगों के खाने लायक सब्जियां यहां से निकल रही हैं। दूसरे स्थानों से आने वाले संघ के पदाधिकारी इससे इतने प्रभावित हैं कि इस तरह की खेती दूसरे संघ कार्यालयों और उपलब्ध स्थानों पर शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

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खेती के लिए पुराने प्रचारकों की संदूकें और टीन की पेटियों का किया उपयोग

पेड़ आयाम प्रमुख ने बताया की खेती करने के लिए बुजुर्ग और पुराने प्रचारकों की संदूकें और टीन की पेटियों का उपयोग किया गया है। पहले प्रचारकों के पास सामान रखने के लिए यही होते थे। टूट चुके उन सामानों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया। बक्सों में 50 प्रतिशत मिट्टी और 50 प्रतिशत गोबर डाला गया। उसके बाद उसमें सब्जी के बीज लगाए गए।

जिन देसी सब्जियों का हो रहा उत्पादन

पालक, मेथी, लाल साग, तीन तरह की मिर्च, पुदीना, बैंगन, टमाटर, खीरा, गिलके, धनिया, चौलाई व भिंडी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।