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SCO : एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो ने पहली बार साझा किया मंच


नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार पाकिस्तान के नये विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ मंच साझा किया है। दोनों देशों के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ताशकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लिया। देर रात खबर लिखे जाने तक इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है कि जयशंकर और बिलावल भुट्टो के बीच औपचारिक व अनौपचारिक तौर पर कोई वार्ता हुई है या नहीं।

आधिकारिक तौर पर जयशंकर की उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री से हुई मुलाकात की ही जानकारी दी गई है। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की भी शामिल हुए हैं। देर रात तक इनमें से कुछ नेताओं के साथ जयशंकर की द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना जताई जा रही है।

एससीओ सदस्य करें चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल: जयशंकर

एससीओ की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने इस संगठन के सभी देशों को ईरान स्थित चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित किया है। ईरान इस साल से एससीओ का सदस्य हो जाएगा। जयशंकर ने कहा कि ईरान के शामिल होने से एससीओ और मजबूत होगा। उन्होंने भूखमरी और आतंकवाद के खिलाफ भी सभी सदस्यों को एकजुट होने की अपील की है।

संगठन के विस्तार का एजेंडा तैयार

एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में बहुत ही तेजी से इस संगठन के विस्तार का एजेंडा तैयार किया गया है। भारत ने इसका स्वागत किया है। इसमें अजरबैजान , आर्मेनिया, कंबोडिया और नेपाल को आब्जर्बर देश का दर्जा दिया गया है जबकि मिस्त्र, कतर और सऊदी अरब को वार्ता साझेदार का दर्जा दिया गया है। बेलारूस को पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर शामिल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बताते चलें कि भारत और पाकिस्तान को एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर वर्ष 2017 में शामिल किया गया था। सितंबर, 2022 में एससीओ के शीर्ष नेताओं की बैठक भी होगी। इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है।