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Srinagar: ‘आशिक’ ने रचाई थी पुलवामा हमले की साजिश! अब NIA कोर्ट ने घोषित किया आतंकी


श्रीनगर। पुलवामा के गुनाहगारों में शामिल जैश आतंकी आशिक नेंगरू को आतंकी संगठन में युवाओं को भर्ती मामले में एनआईए अदालत ने फरार घोषित कर दिया है। आशिक नेंगरू उर्फ मौलवी साल 2018 में पाकिस्तान भाग गया था और वहां से जम्मू-कश्मीर में न सिर्फ ड्रोन के जरिए हथियार व नशीले पदार्थ भेजने की साजिश में शामिल रहा है, साथ ही स्थानीय युवाओं को इंटरनेट मीडिया के जरिए अपने जाल में फांसकर उन्हें आतंकी बनने के लिए भी तैयार कर रहा है।

 

साल 2022 में घोषित किया गया आतंकी

आशिक नेंगरू को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी वर्ष 2022 में आतंकी घोषित किया है। दक्षिण कश्मीर में जिला पुलवामा का रहने वाला नेंगरू 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की साजिश में भी शामिल था। इस हमले में 40 जवान बलिदान हो गए थे। वह वर्ष सितंबर 2018 मे जम्मू के झज्जरकोटली में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ के दौरान बच निकला था। वह एक ट्रक में जैश के आतंकियों के एक दस्ते को कश्मीर ले जा रहा था।

पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ में करता था मदद

यह आतंकी मुठभेड़ में मारे गए थे। उसके खिलाफ कठुआ, पुलवामा, राजपोरा और अवंतीपोरा पुलिस स्टेशन में आतंकी हमले, आतंकी हमले की साजिश रचने, कश्मीर में ड्रोन के जरिए हथियार पहुंचाने और पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ में मदद करने के विभिन्न मामले दर्ज हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आशिक नेंगरू पाकिस्तान में बैठकर इंटरनेट मडिया के जरिए पुलवामा समेत घाटी के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय युवाओं से संपर्क बना उन्हें आतंकी बनाने का षडयंत्र रचने में लगा हुआ है।

रुहैल अब्दुल्ला और पुलवामा शहबाज अहमद डार को बनाया आतंकी

ऐसे कई युवकों ने पकड़े जाने के बाद आशिक नेंगरू का नाम लिया है। उसके खिलाफ कई सुबूत भी मिले हैं। उसने बीते वर्ष शोपियां के रुहैल अब्दुल्ला और पुलवामा शहबाज अहमद डार को आतंकी बनने के लिए तैयार किया था। पुलिस उसके खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर रखी है। इसी मामले में पुलिस ने अदालत में उसके खिलाफ आवश्यक साक्ष्य पेश कर उसे फरार घोषित करने का आग्रह किया था।