Latest News अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय

Sudan : एक समझौता टूटा और छिड़ गई सूडान में जंग, सत्ता पर नियंत्रण की लड़ाई ने ले ली सैकड़ों जान


नई दिल्ली, । : सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच सत्ता की लड़ाई ने एक भीषण संघर्ष का रुप ले लिया है। सूडान बीते चार दिनों से जल रहा है। सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच शनिवार को छिड़ी इस जंग ने अब तक 200 से अधिक लोगों की जानें ले ली है। सूडान की राजधानी खार्तूम में तो हालात काफी बदतर हो गए हैं। यहां गोलीबारी और धमाकों की आवाज रुक-रुक कर सुनाई दे रही है। ऐसे में आपको इस संघर्ष की वजह बताते हैं कि आखिर दो जनरलों की लड़ाई ने सूडान की मुश्किलें क्यों खड़ी कर दी हैं।

शनिवार को छिड़ी दोनों सेनाओं के बीच लड़ाई

दरअसल, देश की आजादी के बाद से ही सूडान ने लगातार गृहयुद्ध, तख्तपलट और विद्रोह को देखा है। सूडान में शनिवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ, जब सत्ता के संघर्ष की यह लड़ाई राजधानी खार्तूम और आपपास के इलाकों में फैल गई। सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया, क्योंकि दोनों ही देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं।

 

जनरलों के बीच है नियंत्रण की लड़ाई

बता दें कि सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच देश की सत्ता के लिए लड़ाई हो रही है। सूडान सेना के कमांडर जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच हफ्तों से तनाव चल रहा है। इन दोनों जनरलों ने ही सूडान में एक सैन्य तख्तापलट किया था, लेकिन तख्तापलट के दो साल से भी कम समय में दोनों जनरलों के बीच ही विवाद बढ़ गया।

क्या है संघर्ष का कारण

सूडान में इस समय जो हालात बने हैं, उसकी सबसे बड़ी वजह है दोनों जनरलों के बीच एक समझौता। दरअसल, सूडान के पूर्व तानाशाह ओमर अल बशीर ने अपने शासन के दौरान 2013 में आरएसएफ का गठन किया था। आरएसएफ के गठन के आठ साल बाद इसके कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान दगालो ने सेना के कमांडर जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान के साथ मिलकर साल 2021 में सैन्य तख्तापलट कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान दोनों के बीच एक करार हुआ था कि आरएसएफ को सेना में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

 

कई गृहयुद्ध देख चुका है सूडान

  • दो जनरलों की लड़ाई में सूडान बीते चार दिनों से जल रहा है।
  • 12 अप्रैल को आरएसएफ ने सेना के नेतृत्व की सहमति के बिना राजधानी के उत्तर में स्थित मेरोवे शहर के आसपास अपने बलों की तैनाती कर दी थी।
  • 15 अप्रैल (शनिवार) को इस विवाद ने तूल पकड़ लिया और खार्तूम के दक्षिण में एक सैन्य अड्डे पर दोनों के बीच लड़ाई छिड़ गई। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से कई आरोप भी लगाए गए।
  • इसके बाद से ही सेना और आरएसएफ की बीच राजधानी खार्तूम के घनी आबादी वाले इलाके में संघर्ष देखने को मिला। यहां दोनों ओर से मशीनगनों से गोलाबारी की गई।

 

  • बता दें कि सूडान की राजधानी में हालात काफी खराब हैं, संघर्ष विराम के चलते लोग अपने घरों में ही कैद होकर रह गए हैं।
  • सूडान ने पिछले पांच दशकों में कई गृह युद्ध देखे हैं, जिससे बड़े पैमाने पर यहां मौत और भुखमरी जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं।
  • सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच भीषण लड़ाई में अब तक करीब 200 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत ने जारी की नागरिकों के लिए एडवाइजरी

वहीं, सूडान के हालातों को देखते हुए भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सोमवार को एक नई एडवाइजरी जारी की है। दूतावास ने भारतीय नागरिकों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने और शांत रहने का आग्रह किया है। इससे पहले रविवार को सूडान की राजधानी खार्तूम में गोली लगने से एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी।

 

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने की शांति की अपील

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के नेताओं से लड़ाई को खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं सूडान में भड़की इस लड़ाई की कड़ी निंदा करता हूं और RSF व सूडानी सशस्त्र बलों के नेताओं से लड़ाई तत्काल बंद करने, शांति बहाल करने और इस संकट को हल करने के लिए बातचीत शुरू करने की अपील करता हूं। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दोनों कमांडर जनरल से अलग-अलग बातचीत की और संघर्ष से प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की अनुमति देने की आवश्यकता पर जोर दिया।