- संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत शांतिरक्षकों के आचरण पर बहुत ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि भारत ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार (एसईए) से संबंधित गंभीर कदाचार के खिलाफ ”कतई बर्दाश्त नहीं करने” की नीति अपनाई है।
सोमवार को विश्व निकाय के सदस्य देशों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों की साफ छवि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों की सफलता का आधार है। भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे अधिक सैन्यकर्मी मुहैया करने वाले देशों में शामिल है। वह इन अभियानों में सर्वाधिक सैन्यकर्मी मुहैया कराने वाले शीर्ष 20 देशों में एकमात्र ऐसा देश है, जो संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर एसईए से संबंधित मामलों की सूची में नहीं है।
उन्होंने कहा, ”भारत शांतिरक्षकों के आचरण पर बहुत ध्यान देता है। हमने यौन शोषण और दुर्व्यवहार (एसईए) से संबंधित गंभीर कदाचार के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति” अपनाई है तथा हमारा लक्ष्य इन्हें कम करने और इनकी रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए तंत्र को मजबूत बनाने का है।”
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत एसईए और गंभीर कदाचार के मुद्दों से निपटने के लिए इनकी रोकथाम पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करता है और जांच, प्रशिक्षण और जागरुकता इस दृष्टिकोण के प्रमुख घटक हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) ने लगभग 10 साल पहले ”शांतिरक्षा आचरण और अनुशासन” से संबंधित प्रशिक्षण मॉड्यूल पेश किए थे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने सोमवार को बैठक के लिए एक वीडियो संदेश में कहा कि विश्व निकाय ने प्रशिक्षण में सुधार और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के कदाचार की शिकायत करने के सुरक्षित तरीके बनाने की दिशा में लगातार प्रगति की है। उन्होंने कहा कि संगठन पारदर्शिता बढ़ाने और आंतरिक जवाबदेही को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है तथा पीड़ितों की जरूरतों और अधिकारों पर जोर देता है।