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UP रोडवेज की बसों पर अब नहीं दिखेगी पान की पीक, साफ-सुथरा होगा यात्रियों का सफर


 

गोरखपुर, । रोडवेज की बसें अब साफ-सुथरी दिखेंगी। बाहर न पान की पीक दिखेगी और न अंदर गंदगी व फटी हुई सीटें मिलेंगी। बारिश में भी यात्रा सुरक्षित होगी। रोडवेज की बसें नए कलेवर में नजर आएंगी। यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने तथा रोडवेज की छवि को समृद्ध करने के उद्देश्य से परिवहन निगम ने नए साल में परिवर्तन की ओर नाम की पहल शुरू की है। इस अभियान के अंतर्गत बसों को संवारने का कार्य निगम के अफसर करेंगे। इसके लिए वह प्रत्येक माह बसों को गोद लेंगे।

ये है नई व्यवस्था

नई व्यवस्था के तहत सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) दस-दस, क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) और सेवा प्रबंधक (एसएम) दो-दो बसों को गोद लेंगे। बसें सिर्फ एक-एक माह के लिए गोद ली जाएंगी। यह क्रम प्रत्येक माह चलता रहेगा। इस दौरान गोद लेने वाले अधिकारी बसों की न सिर्फ निगरानी करेंगे, बल्कि तीन दिन के अंदर कमियों को दूर कर उसकी दशा भी बदलेंगे। बस की मरम्मत से लगायत साफ-सफाई, रख-रखाव और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे।

मुख्यालय लखनऊ को भेजनी है रिपोर्ट

विभिन्न आयु वर्ग की बसों का लोड फैक्टर व डीजल खपत का अध्ययन कर निर्धारित मार्ग पर उसकी उपयोगिता तय करेंगे। प्रत्येक माह की पांच तारीख को अपनी रिपोर्ट मुख्यालय लखनऊ भेजेंगे। बेहतर करने वाले प्रदेश के तीन अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। अभियान के प्रति लापरवाही व उदासीनता नहीं चलेगी। परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने परिवर्तन की ओर पहल के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

गोरखपुर डिपो के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी महेश चन्द्र ने बताया कि परिवर्तन की ओर एक अच्छी पहल है। बसों में सुधार होने के साथ यात्री सुविधाएं भी बेहतर होंगी। मुख्यालय लखनऊ से मिले दिशा-निर्देश के क्रम में बसों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सिर्फ सात माह में चमक जाएंगी गोरखपुर परिक्षेत्र की बसें

परिवर्तन की ओर अभियान से गोरखपुर परिक्षेत्र की बसें सात माह में चमक जाएंगी। प्रत्येक माह गोरखपुर, राप्तीनगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर डिपो के एआरएम, आरएम व एसएम 112 बसों को गोद लेंगे। ऐसे में सात माह में परिक्षेत्र की लगभग 777 बसों का कायाकल्प हो जाएगा। इसके बाद भी परिवर्तन की ओर अभियान चलता ही रहेगा। ऐसे में आने वाले दिनों में यात्री सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही छोटी समस्याएं भी स्वत: समाप्त हो जाएंगी।