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UP Analysis: बुंदेलखंड इकलौता क्षेत्र जहां BJP+ की मत हिस्सेदारी में आई गिरावट, बाकी भाजपा


नई दिल्ली, । तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश में 2017 के अपने प्रदर्शन को दोहराने में सफल रही। ऐसा करते हुए बीजेपी दो रिकॉर्ड भी बनाने में कामयाब रही है। 1985 के बाद से उत्तर प्रदेश में कोई भी सत्तारुढ़ दल दुबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई है। बीजेपी न केवल इस रिकॉर्ड को ध्वस्त करने में सफल रही, बल्कि उसके एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया, जो राज्य में बीजेपी के जनाधार में हुआ मजबूत इजाफा है।

पिछले 42 सालों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पहली बार 40 फीसदी से ज्याद मत हिस्सेदारी हासिल हुई है। 2017 के चुनाव में बीजेपी को 39.6 फीसदी मत मिला था, जो 2022 के चुनाव में बढ़कर 41.3 फीसदी हो गया। हाालंकि पिछली बार के मुकाबले बीजेपी को इस बार 57 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। 2017 में बीजेपी गठबंधन (एसबीएसपी और अपना दल-एस) को कुल 325 सीटें मिली थीं, जिसमें से अकेले 312 सीट बीजेपी के खाते में गई थी। इस बार बीजेपी के खाते में कुल 255 सीटें हैं, वहीं अपना दल एस 12 सीटें जीतने में सफल रही। एसबीएसपी इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी और उसे कुल 6 सीटें मिली हैं।

बीजेपी की यूपी में इस ऐतिहासिक जीत की वजह सभी चुनावी क्षेत्रों में पार्टी की मजबूती रही। सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन को आरएलडी की वजह से जबरदस्त मजबूती मिली, लेकिन इसके बावजूद वह बीजेपी को रोक नहीं पाई, जहां बीजेपी ने अपनी वोट हिस्सेदारी को बढ़ाकर 47.6 फीसदी कर लिया। यूपी के चुनावी नतीजों को मुख्य रूप से सात क्षेत्रों में वर्गीकृत कर समझा जाता है, जो हैं, रोहिलखंड, अवध, पूर्वी यूपी, पश्चिमी यूपी, दोआब, बुंदेलखंड और उत्तर पूर्वी यूपी।

पश्चिम – 44 सीटें

पश्चिम की 44 सीटों पर किसान आंदोलन का असर देखने को मिला और यहां सपा गठबंधन की सीटें बढ़कर 14 हो गई। वहीं बीजेपी गठबंधन के खाते में कुल 30 सीटें आईं।

वोट हिस्सेदारी

सपा गठबंधन को पश्चिम की इन 44 सीटों पर 36.6 फीसदी मत मिले, जो 2017 के मुकाबले15.5 फीसदी अधिक है। साफ तौर पर यह बढ़त राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन की वजह से देखने को मिला। वहीं बीजेपी गठबंधन को 47.6 फीसदी मत मिला, जो पिछले चुनाव के मुकाबले 3.8 फीसदी अधिक है। कह सकते हैं कि किसान आंदोलन से उपजे आक्रोश और सपा-आरएडली गठबंधन के बावजूद बीजेपी इस क्षेत्र में अपना जनाधार मजबूत करने में सफल रही है।

रोहिलखंड – 52 सीटें

यहां की 52 सीटों पर मुस्लिम मतदाता मजबूत स्थिति में माने जाते हैं। सपा गठबंधन यहां 2017 में बीजेपी के खाते में आई कुल सीटों में से 10 सीटें हथियाने में कामयाब रही, जबकि बीजेपी सपा गठबंधन के कब्जे वाली एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई।

वोट फीसदी

रोहिलखंड में सपा गठबंधन को कुल 42.5 फीसदी मत मिला, जो पिछली बार के मुकाबले 12.9 फीसदी अधिक है। वहीं बीजेपी गठबंधन को 42 फीसदी मत मिला, जो पिछली बार के मुकाबले 2.4 फीसदी अधिक है। कांग्रेस का वोट फीसद पिछली बार के मुकाबले 4.4 फीसदी घटकर 1.1 प्रतिशत हो गया, वहीं बसपा की भी मत हिस्सेदारी पिछली बार के मुकाबले 8.1 फीसदी घटकर 11.3 फीसदी हो गई।

अवध – 73 सीटें

अवध क्षेत्र 2017 में बीजेपी का गढ़ था और 2022 में भी यह बीजेपी का गढ़ बना हुआ है। 73 सीटों से बीजेपी गठबंधन को 53 सीटें मिलीं। पिछली बार बीजेपी गठबंधन ने इस क्षेत्र में 65 सीटें जीती थीं और इस बार 12 सीटें सपा गठबंधन बीजेपी गठबंधन वाली 12 सीटें हथियाने में सफल रही। वहीं बसपा को शून्य और कांग्रेस को एक सीट मिली।

वोट फीसदी

स क्षेत्र में बीजेपी की मत हिस्सेदारी43.7 फीसदी रही, जो पिछली बार के मुकाबले 4.0 फीसदी अधिक है। वहीं सपा गठबंधन की मत हिस्सेदारी में भी इस बार इजाफा हुआ। 2017 के मुकाबले 2022 में सपा गठबंधन की मत हिस्सेदारी13.8 फीसदी बढ़कर 37 फीसदी हो गई।

पूर्वी क्षेत्र – 81 सीटें

इस क्षेत्र की 81 सीटों में सपा गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया। पूर्वांचल का यह इलाका कौशांबी, मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जैसे जिलों में विस्तृत है। इस क्षेत्र की 81 सीटों में से सपा गठबंधन 44 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि बीजेपी गठबंधन के खाते में 36 सीटें आईं।

 

वोट फीसदी

सपा गठबंधन को इस क्षेत्र में 38.1 फीसदी मत मिले, जो पिछली बार के मुकाबले व्यापक रूप से 11 फीसदी अधिक है। वहीं बीजेपी गठबंधन को 38.4 फीसदी मत मिले, जो पिछली बार के मुकाबले 1.4 फीसदी अधिक है।

दोआब – 73 सीटें

दोआब की कुल 73 सीटों में से सपा गठबंधन को 17 सीटें, जबकि बीजेपी गठबंधन को 56 सीटें मिली।

वोट फीसदी

दोआब क्षेत्र में लड़ाई मुख्य रूप से बीजेपी गठबंधन और सपा गठबंधन के बीच रही। बीजेपी गठबंधन को जहां पिछली बारे मुकाबले 1.2 फीसदी अधिक 46.5 फीसदी मत मिले, वहीं सपा गठबंधन के खाते में 34.4 फीसदी मत हिस्सेदारी आई, जो पिछली बार के मुकाबले 9.1 फीसदी अधिक है।

बुंदेलखंड – 19 सीटें

इस क्षेत्र की सभी सीटों पर बीजेपी ने पिछली बार यानी 2017 के चुनावों में सभी सीटों पर कब्जा करते हुए विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। इस बार हालांकि बीजेपी गठबंधन विपक्ष का सूपड़ा साफ नहीं कर पाई। सपा गठबंधन के खाते में 2 सीटें जबकि बीजेपी गठबंधन के खाते में 17 सीटें गईं।

वोट फीसदी

सपा गठबंधन को जहां इस क्षेत्र में 29.7 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिला, जो पिछली बार के मुकाबले 13.4 फीसदी अधिक है, वहीं बीजेगी गठबंधन की मत हिस्सेदारी पिछली बार के मुकाबले 0.6 फीसदी कम होकर 45.7 फीसदी हो गई। यह इकलौता ऐसा क्षेत्र है, जहां 2017 के मुकाबले बीजेपी की मत हिस्सेदारी में मामूली रूप से कमी आई।

उत्तर पूर्व – 61 सीटें

सपा गठबंधन को 9, बीजेपी गठबंधन को 51 और कांग्रेस को एक सीट मिली। कांग्रेस को यूपी चुनाव में इस बार कुल दो सीटों पर जीत मिली है, जिसमें से एक उत्तर पूर्व और दूसरी सीट अवध क्षेत्र में हासिल हुई।

वोट फीसदी

इस क्षेत्र में बीजेपी गठबंधन को 46.3 फीसदी मत मिला, जो पिछळी बार के मुकाबले 4.5 फीसदी अधिक है, वहीं सपा गठबंधन को 33.3 फीसदी मत मिले, जो पिछली बार के मुकाबले 11.6 फीसदी अधिक है। वहीं सूबे में कभी मजबूत स्थिति में रही बहुजन समाज पार्टी को 403 विधानसभा सीटों में से महज 1 सीट मिली, जो पूर्वी क्षेत्र में आती है।