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UP Elections: समाजवादी पार्टी में कुछ दिनों पहले जो थे साथ अब चुनाव में होंगे आमने-सामने


प्रयागराज, । कहते हैं कि सियासत में कुछ भी संभव है। कब, कौन किधर पलट जाए कहा नहीं जा सकता। यूपी विधान सभा चुनाव 2022 में भी ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है। चंद घंटों में राजनीतिक घटनाक्रम ऐसा बदल रहा कि सियासत के महारथियों का माथा फिर गया है। दलबदल की ऐसी राजनीति हुई कि दूसरी पार्टी की सदस्यता लेने के साथ ही उम्मीदवार भी घोषित हो गए। अब समाजवादी पार्टी को अपनों से ही मुकाबला करना होगा। आइए जानें कि किस प्रत्‍याशी के सामने समाजवादी पार्टी के ही प्रत्‍याशी होंगे।

सपा में रहे नागेंद्र सिंह पटेल का चायल सीट से सपा की पूजा पाल से होगा मुकाबला

प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के टिकट से नागेंद्र सिंह पटेल ने वर्ष 2018 में फूलपुर संसदीय सीट पर हुए उप चुनाव में विजयश्री हासिल की थी। वर्ष 2019 में हुए लोक सभा चुनाव में सपा ने नागेंद्र पटेल का टिकट काट दिया था। हालांकि, उस समय भीतर ही भीतर नागेंद्र नाराज हुए थे, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया था। उनको भरोसा था कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फूलपुर से टिकट मिलेगा, लेकिन सपा ने अचानक मुज्‍तबा सिद्दीकी को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे पूर्व सांसद की नाराजगी और भी बढ़ गई। भीतर ही भीतर वे नया रास्ता तलाशने लगे। भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से बातचीत की। भाजपा ने अद (एस) के लिए कौशांबी जनपद की चायल सीट छोड़ी तो बुधवार को पूर्व सांसद नागेंद्र पटेल ने अद (एस) की सदस्यता ले ली। बिना देर किए पार्टी ने उन्हें चायल से प्रत्याशी घोषित कर दिया। अब उनका मुकाबला सपा उम्मीदवार पूजा पाल से होगा। अभी चंद दिन पहले ही दोनों एक ही पार्टी में थे और अब आमने-सामने होंगे।

प्रशांत सिंह ने भाजपा सहयोगी दल निषाद पार्टी का दामन थामा

इसी प्रकार हंडिया से पूर्व विधायक स्व. महेश नारायण सिंह के पुत्र पूर्व विधायक प्रशांत सिंह राहुल भी टिकट मांग रहे थे। वर्ष 2017 में सपा ने उनका टिकट काटकर एमएलसी बासुदेव यादव की पुत्री निधि यादव दे दिया था। प्रशांत को इसका मलाल था, लेकिन उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा था। भरोसा था कि अगले चुनाव में पार्टी उन पर विश्वास जताएगी। लेकिन इस बार फिर उन्हें निराश होना पड़ा। सपा ने बसपा से आए हाकिम लाल बिंद को उम्मीदवार बनाया तो प्रशांत सिंह का धैर्य टूट गया। बुधवार को उन्होंने भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी का दामन थामा और फिर पार्टी ने हंडिया से उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। अब हाकिम लाल बिंद का मुकाबला प्रशांत सिंह राहुल से होगा। फिलहाल चुनाव में सपा की मुश्किल जहां बढ़ गई हैं, वहीं उसे अपनों से ही कड़ा मुकाबला करना होगा।