लखनऊ,। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बावजूद उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में भी ग्रामीण मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह दिखा। सोमवार को कानपुर देहात, मेरठ, मुरादाबाद व अमेठी समेत प्रदेश के 20 जिलों में कई स्थानों पर हिंसक वारदातों व मतपेटियां लूटने की घटनाओं के बीच सायं पांच बजे तक 62.35 प्रतिशत वोट डाले गए। कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ने और मतदान कर्मियों की मनमानी की शिकायतें भी मिलती रही। अधिकतर स्थानों पर निर्धारित समय छह बजे के बाद भी वोट डालने का काम चलता रहा। 3.5 लाख से अधिक उम्मीदवारों का भविष्य मतपेटियों में बंद हो गया। इससे पहले 15 अप्रैल को संपन्न हुए पहले चरण के चुनाव में 71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जबकि 19 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के चुनाव में 73 प्रतिशत मतदान हुआ।
शाम पांच बजे तक 62.35 प्रतिशत मतदान, मेरठ में सर्वाधिक: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने के लिए सोमवार को चल रहे तीसरे चरण के मतदान ने दोपहर बार फिर तेजी पकड़ी। शाम पांच बजे तक 20 जिलों में 62.35 प्रतिशत मतदान हो गया था। कई जगह बवाल और दो कर्मियों की मौत के बाद भी मतदान चलता रहा। पांच बजे तक मेरठ में सर्वाधिक 69.30 और अमेठी में सबसे कम 55.92 प्रतिशत मतदान हुआ था। शामली में 64.80, मेरठ में 69.30, मुरादाबाद में 64.90, पीलीभीत में 66.59, कासगंज में 65.70, औरैया में 63.87, कानपुर देहात में 60.00, जालौन में 62.50, हमीरपुर में 59.00, फतेहपुर में 59.10, उन्नाव में 62.00, अमेठी में 55.92, बाराबंकी में 64.60, सिद्धार्थनगर में 57.02, देवरिया में 58.73, चंदौली में 59.05, मिर्जापुर में 60.90 और बलिया में 64.97 प्रतिशत मतदान हो गया था।