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Uttarakhand: आखिर क्‍यों सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा – वही मच्छी फंसती है जो मुंह खोलती है


देहरादून : मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड चिंतन शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस चिंतन शिविर में मंगलवार को मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जरा सा भी कुछ विवादित न निकले, इसलिए उन्हें सोचना पड़ता है। वह कम बोलते हैं। डेढ़ साल से उनके मुंह से कुछ भी विवादित नहीं निकला। उन्होंने यह भी कहा कि वह काली नदी के किनारे पैदा हुए हैं।

शारदा के किनारे बचपन गुजारा। इस नदी और उनके खटीमा स्थित घर के बीच सिर्फ सड़क है। शारदा में बल्छी में कांटा और उसमें केंचुआ-आटा लगाकर खूब मच्छी मारी हैं। यह उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बल्छी में वहीं मच्छी फंसती है, जो मुंह खोलेगी।

उत्तराखंड चिंतन शिविर में प्रदेश के विकास के रोडमैप पर हुई चर्चा

वहीं सशक्त उत्तराखंड चिंतन शिविर में सचिव शिक्षा रविनाथ रमन ने वन क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध को देखते हुए बांस के स्कूल बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वन विभाग को बजट हस्तांतरित किया जा सकता है। प्रदेश में वन क्षेत्र में 72 स्कूल संचालित हो रहे हैं।

द्वितीय सत्र में शहरी विकास, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क, तकनीक युक्त सर्विस डिलीवरी, मानव संसाधन, स्वास्थ्य व शिक्षा के विषय में चर्चा हुई। सचिव शिक्षा ने गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन विकास पर कहा कि प्रदेश में वर्ष 2041 तक स्कूल भवनों में निवेश की जरूरत नहीं है।

जरूरत शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान देने की है। स्कूलों में ड्राप आउट का प्रतिशत कम करने के लिए प्रत्येक बच्चे की जानकारी हासिल करनी होगी, ताकि बच्चों को स्कूल वापस लाया जा सके। फोकस शिक्षकों की कमी को दूर करने पर भी रखना होगा।

इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने शहरी विकास पर विचार रखे। उन्होंने नए शहरी क्षेत्र विकसित करने और सस्ते आवास के संबंध में जानकारी दी। सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु ने टनल एवं एलिवेटेड सड़कों को मौजूदा समय की जरूरत बताया। उन्होंने राज्य में टनल, एलिवेटेड रोड के साथ ही हरित तकनीक का सड़क एवं भवन निर्माण में इस्तेमाल के संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि देहरादून में रिस्पना व बिंदाल नदी में भी एलिवेटेड रोड प्रस्तावित हैं, जिनकी डीपीआर बनाने का कार्य चल रहा है। सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी शैलेश बगोली ने तकनीक युक्त सेवा के संबंध में प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि प्रयास यह है कि जन सामान्य के लिए विषयों को आसान बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए आटीडीए की अहम भूमिका है। इस दौरान शहरी विकास विभाग के निदेशक नवनीत पांडे ने निकायों का राजस्व बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी। महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने मौजूदा सत्र में स्कूलों में पंजीकरण की बढ़ती संख्या की जानकारी साझा की।

मुख्य सचिव संधु के कार्यों को सराहा, बोले सात माह में 700 निर्णय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंतन शिविर में मुख्य सचिव डा एसएस संधु के कार्यों को सराहा। डा संधु का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह बहुत अच्छे हैं। जब इन्हें केंद्र से बुलाया था तो इनका मन यहां आने का 50 प्रतिशत ही था। संधु के आने के बाद तंत्र में काफी सुधार हुआ। उनके आने के छह-सात महीने में लगभग 700 निर्णय लिए गए। 10 गुना काम हुआ।