सीबीआई की एक टीम आज दोपहर करीब साढ़े बारह बजे राज्य के बीरभूम जिले के बोलपुर (Bolpur) में स्थित अनुब्रत मंडल के आवास पर पहुंची। टीम में एक महिला अधिकारी भी शामिल थीं। इस दौरान अधिकारियों को घर के अंदर आने की तो इजाजत दी गई लेकिन सुकन्या ने उनसे बात करने और उनके सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया।
सुकन्या ने कहा मानसिक स्थिति ठीक नहीं
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, सुकन्या ने कहा कि वह अभी बात करने की मानसिक स्थिति में नहीं है क्योंकि एक तरफ जहां उसके पिता हिरासत में हैं, वहीं एक साल पहले उसने अपनी मां को खोया है। वह इन सारी चीजों से परेशान है। सीबीआई की टीम ने लगभग दस मिनट तक सुकन्या को मनाने की काफी कोशिश की और जांच में सहयोग करने के लिए कहा, लेकिन बात नहीं बनी।
सीबीआई को है इस बात का शक
सीबीआई को शक है कि ये दोनों कंपनियां मवेशियों की अवैध तस्करी से जुटाए गए काले धन को छिपाने के लिए बनाई गई अवैध पशु व्यापार की आय को अलग-अलग रास्ते पर ले जाने के लिए मुखौटा कंपनियां हैं।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई के द्वारा एएनएम एग्रोचेम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड दो कंपनियों का पता लगाए जाने के बाद सुकन्या मंडल से पूछताछ करना अब जरूरी हो गया क्योंकि इन कंपनियों के डायरेक्टर्स में से वह एक है। दूसरे डायरेक्टर विद्युत गायेन है।
प्राइमरी स्कूल टीचर सुकन्या के पास इतनी संपत्ति कैसे
सवाल यह है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल में प्राइमरी टीचर सुकन्या के नाम इतनी संपत्ति कैसे हो सकती है। सीबीआई के सूत्रों ने कहा है कि इन दो कंपनियों के अलावा बैंक में सुकन्या के कई निजी और पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ज्वॉइंट अकाउंट हैं। इन पर भी सीबीआइ की नजर है।
सीबीआई ने बुधवार को बोलपुर में अनुब्रत मंडल के चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष कोठारी के साथ-साथ एक सरकारी बैक की स्थानीय शाखा के दो कर्मचारियों से भी पूछताछ की, जहां उनकी और सुकन्या दोनों के खाते हैं।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में गाय तस्करी मामला (Cow Smuggling Case) साल 2020 में पहली बार सामने आया था। इस मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) को 11 अगस्त गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें 20 अगस्त तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया गया है।