अयोध्या विकास प्राधिकरण की वायरल अवैध प्लाटिंग करने वालों की सूची पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने सवाल उठाया है, जबकि विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने इसे सत्य से परे बताया है। उपाध्याय ने इस सूची की विश्ववसनीयता को संदिग्ध बताते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों से उन्होंने कोई रजिस्ट्री नहीं की है। यदि उनको नोटिस मिली तो इसका जवाब भी देंगे। वहीं नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्त ने भी कथित सूची को सत्यता से दूर बताया है।
जिम्मेदार अधिकारी बात करने को तैयार नहीं
इस वायरल सूची के मामले पर प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं। कथित सूची में जिस प्लाटिंग को अवैध बताया जा रहा है उन पर तमाम भवन बने हुए हैं। यहां पर इन भवनों के मानचित्र भी प्राधिकरण ने स्वीकृत किए हैं ऐसे में प्राधिकरण की वायरल सूची को राजनीतिक साजिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है जा रहा है।
सांसद लल्लू ने सीएम से अवैध प्लाटिंग की जांच कराने की मांग उठा दी
अयोध्या में कुछ ही दिन पहले सांसद लल्लू सिंह ने अवैध प्लाटिंग का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र सौंप कर एसआइटी जांच कराने की मांग की है। अयोध्या विकास प्राधिकरण इस दिनों अवैध प्लाटिंग पर अपना बुलडोजर चला रहा है। गत दिनों माझा जमथरा और गौरापट्टी में अवैध प्लाटिंग ध्वस्तीकरण के बाद मामले के काफी तूल पकड़ा है। इसे लेकर सपा और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को सरकार की आलोचना करने का अवसर भी मिल गया है। इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों की शिकायत पर सांसद लल्लू ने सीएम से रामनगरी में हो रही अवैध प्लाटिंग की जांच कराने की मांग उठा दी है। इसी बीच शनिवार की देर रात प्राधिकरण की एक सूची जारी हुई जिसमें अवैध प्लाटिंग करने वाले 40 लोगों के नाम शामिल हैं। इन नामों में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, भाजपा के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा को भी अवैध प्लाटिंग करने वालों की श्रेणी में दर्शाया गया है। विकास प्राधिकरण से इस कथित लिस्ट के जारी होने के बाद से खलबली मची है। विपक्ष अब भाजपा को हर जगह पर घेरने की तैयारी में जुट गया है।