अरवल। जिले में बालू माफि़याओं की अवैध कमाई की हवस प्रशासन पर भारी पड़ रही है। रोजाना सोन नदी से अवैध खनन जोरों पर चल रही है। सरकार द्वारा 30 जून के बाद बालू खनन पर रोक लगा दी गई है। लेकिन बालू माफि़या धाड़ल्ले से दिन के उजालों में छोटी गाड़ियों से और रात्रि में बड़े गाड़ियों से सोन नदी से बालू निकाल रहे हैं। आलम यह है कि लगातार खनन होने के बावजूद भी प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है।
प्रशासन के तमाम दावों को धवस्त करने वाली तस्वीर कलेर प्रखंड के सोहसा मसदपुर और बेलाव सोन नदी की है। जहां से दिन के उजाले में बालू माफि़या ट्रैक्टर पर बालू लोड कर रहे हैं। वहीं रात्रि में सदर प्रखंड के अमरा, दूना छपरा और प्रसादी इंग्लिश सोन नदी से ट्रकों में बालू भरकर ले जाई जा रही है। यह तस्वीर ही गवाही दे रही है कि अवैध खनन प्रशासन की मिलीभगत से धाड़ल्ले से चल रही है। बालू माफि़या अपने मंसूबे में किस तरह कामयाब हो रहे हैं यह तस्वीरें बताने के लिए काफ़ी हैं।
बालू माफि़या रोजाना सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। बिना किसी भय और डर के सोन नदी से बालू का उठाव जारी है। जिले में बालू की लूट की छूट गवाही दे रही यह तस्वीरें बता रही है कि पुलिस प्रशासन किस तरह से मौन है और बालू माफि़या अपने काले समराज को चला रहे हैं। ऐसा नहीं है कि अवैध खनन की जानकारी पुलिस प्रशासन को नहीं है क्योंकि बालू घाट से बालू लेकर निकलने वाली गाड़ियां राष्ट्रीय राजमार्ग 139 से गुजरती है जहां गस्ती करने वाले पुलिस की गाड़ियां खड़ी रहती है। बे रोक-टोक बालू लदे वाहन धाड़ल्ले से पुलिस के सामने से गुजरते हैं।
सोन नदी के आसपास मशीन चलाने वाले कुछ लोगों ने बताया कि रात्रि में ट्रक और ट्रैक्टर बालू लोड कर धड़ल्ले से निकलते हैं। सरकार ने अवैध खनन के लिए कड़े नियम कानून तो बना दिए लेकिन इस कानून का डर बालू माफि़याओं पर दिखाई नहीं दे रहा है। इस संबंध में पत्रकारों ने खनन पदाधिकारी से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। जब जिला पदाधिकारी को भी फ़ोन लगाया गया तो उन्होंने फ़ोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले के पदाधिकारी कितने गंभीर हैं।