अस्पताल के खिलाफ एकपक्षीय काररवाई रद
प्रयागराज (आससे) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से फ्राड करने के आरोप मे दयाल नर्सिंग होम मुंडेरा प्रयागराज की संबद्धता निरस्त करने के 24 दिसबर 20के आदेश को नैसर्गिक न्याय के विपरीत करार देते हुए रद्द कर दिया है।और योजना के दिशानिर्देश के तहत अस्पताल मालिक याची को सुनवाई का मौका देते हुए नये सिरे से 30दिन मे आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अस्पताल की योजना से संबद्धता निलंबित करने का 4दिसंबर 20 का आदेश इस मामले मे लिए जाने वाले अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा।कोर्ट ने कहा है कि कार्यवाही निष्पक्षता से पूरी की जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने अस्पताल मालिक मुकेश टंडन की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि नेशनल एन्टी फ्राड यूनिट को अस्पताल मे योजना के घपले की सूचना मिली।उसने स्टेट हेल्थ एजेन्सी अविघ्न मेडनेट (ओ पी सी) प्रा लि से एनालिसिस रिपोर्ट के आधार पर जाच बैठायी।और अस्पताल की योजना से संबद्धता निलंबित कर दी।स्टेट हेल्थ एजेन्सी की 15दिसंबर 20की रिपोर्ट पर आरोप की पुष्टि होने पर संबद्धता निरस्त कर दी गयी । और मुख्य अधिशाशी अधिकारी ने पेनाल्टी लगाते हुए नुकसान की वसूली का आदेश दिया। जिसे याचिका मे चुनौती दी गयी थी। याची का कहना था कि कार्यवाही प्रक्रिया मे नैसर्गिक न्याय का पालन नही किया गया।खुद ही शिकायत ली और खुद ही जाच कर बिना आरोपी का पक्ष सुने एकपक्षीय आदेश दे दिया गया।