पटना

इनोवेशन एवं इंटरप्रेन्योरशिप के लिए मार्गदर्शन करेगा आइआइटी पटना


पटना (आससे)। कोई रिस्क लेना नहीं चाहता है। ज्यादातर नौकरी करना पसंद करते हैं। इस माइंडसेट को बदलना होगा। इनोवेशन की तरफ भी ध्यान देना होगा। इसके लिए पैरेंट्स को भी अपनी सोच बदलनी होगी। भारत को विकसित देश बनाने में रिसर्च एवं इनोवेशन की अहम भूमिका है। लगातार इस दिशा में काम भी चल रहा और दूसरे देश से इनोवेशन के क्षेत्र में कंपीटीशन भी चल रहा है।

इनोवेशन में सभी को पीछे छोड़ कर आगे बढऩा होगा। इनोवेशन के लिए सरकार फंड भी दे रही है। फंड की कोई कमी नहीं है। यहां आकर पता चला कि आइआइटी पटना को फंड की कमी है। अब आइआइटी पटना को फंड की कमी नहीं होगी। हर तरफ से आइआइटी पटना को मदद मिलेगा। सेकेंड जेनरेशन में आइआइटी पटना को टॉप स्थान बनाना है।

यह बातें केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय आरके सिंह ने कही। वह रविवार को आइआइटी पटना में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान अवसंरचना और उद्यमिता को बढ़ावा देने’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय वर्कशॉप के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि रिसर्च का कॉमर्शियलाइजेशन होने से गति मिलेगी। स्टूडेंट्स अधिक-से-अधिक रिसर्च व इनोवेशन पर जोर दें इसके लिए पैरेंट्स को भी तैयार रहना होगा। हमारे यहां इंडस्ट्री रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर पैसा खर्च नहीं करता है। उद्योग को भी इस माइंडसेट को बदलना होगा। यूएस और यूके में रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर कंपनियां पैसे खर्च करती हैं, इस कारण आइआइटी के छात्र विदेश चले जाते हैं। इसका कारण हाइ सैलरी है। कंपनी को रिसर्च पर काम करना होगा। इसके लिए भी पॉलिसी बदलनी होगी।

अपने देश में कंपनियां तुरंत उद्योग लगाकर पैसा कमाना चाहती है। इसे बदलना होगा। इनोवेशन एवं इंटरप्रेनरशिप के स्तर को बढ़ावा देने के क्षेत्र में ओरियंटेशन, साइकोलॉजि, कल्चर तीन प्रमुख समस्याएं हैं, लेकिन सकारात्मक मोटिवेशन के बल पर आज हम दुनिया के एक प्रमुख स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहे हैं। विकसित देश रिसर्च के महत्व को समझते हैं।