बेतिया में पीपी तटबंध की दो ठोकर क्षतिग्रस्त, लाखों लोगों का मुख्यालय से संपर्क भंग, बेलवा घाट में बागमती नदी पर बना सुरक्षा बांध 50 फुट टूटा
पटना (आससे)। गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती के साथ-साथ नेपाल से आनेवाली नदियों में उफान से उत्तर बिहार के चम्पारण, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। पूर्वी चम्पारण के छह प्रखंड के कई गांव बाढ़ से प्रभावित है। पश्चिम चम्पारण में गंडक से सटे इलाकों में बाढ़ ने फिर दस्तक दे दी है। जिले की तीन प्रमुख सड़कों पर तीसरे दिन भी आवागमन ठप रहा। शिवहर में बागमती का सुरक्षा बांध तो मोतिहारी में तिलावे नदी का बांध पानी के दबाव में टूट गया है। इससे गांवों में तेजी से पानी फैल रहा है। समस्तीपुर के तीन प्रखंडों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है।
मधुबनी और दरभंगा में नदियों का बढ़ता जलस्तर लोगों को डरा रहा है। बारिश रुकने के बाद पहाड़ी नदियां नरम पड़ीं तो सिकरहना व गंडक में उफान आ गया गया है। भितहां के चंदरपुर में गंडक के उफान से पीपी तटबंध के दो ठोकर क्षतिग्रस्त हो गये। शनिवार की शाम को वाल्मीकिनगर बराज से 2.93 लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया। ठोकर के लगातार क्षतिग्रस्त होने से गांव के लोग बाढ़ के दहशत में हैं।
इधर, बगहा-वाल्मीकिगनर पथ पर हडऩाटांड़ के पास पुलिया पानी के दबाव से ध्वस्त होने के कगार पर है। सिकटा का नरकटिया गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है। यहां से प्रसव पीडि़त महिला को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया। सिकरहना का पानी भी लगातार बढ़ रहा है। बेतिया-नरकटियागंज, बेतिया-मैनाटांड़, लौरिया-नरकटियागंज पथ पर तीसरे दिन भी आवागमन ठप रहा। लौरिया-नरकटियागंज पथ पर अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन पर पांच फीट पानी बह रहा है। अशोक स्तंभ परिसर पर भी पूरी तरह से डूब गया है।
पूर्वी चम्पारण के आधा दर्जन प्रखंड के सैकड़ों गांव बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं। बंजरिया प्रखंड के चितहा में तिलावे नदी का बांध ध्वस्त हो गया। इससे कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुगौली प्रखंड में सुगौली-रक्सौल के बीच एनएच पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। प्रखंड की 12 पंचायतें व सुगौली नगर पंचायत के सोलह वार्ड बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। पताही और अरेराज प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव के लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं।
इधर, मोतिहारी प्रखंड के नौरंगिया, बहुअरी पथ पर बाढ़ का पानी चढऩे से आवागमन बाधित हो गया है। मधुबन प्रखंड के मानिया सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। डुमरिया घाट में गंडक, ललबेगिया सिकरहना व लाल बकेया में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
शिवहर के बेलवा घाट में बागमती नदी पर बना सुरक्षा बांध शनिवार को 50 फीट में टूट गया। इससे आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। शिवहर शहर पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बांध के टूटते ही बाढ़ का पानी 15 फीट से ज्यादा गहराई में निर्माणाधीन विशेष संरचना वाले रेगुलेटर सह डैम होकर तेजी से बहने लगा है। यहां से निकल रहा पानी पुरानी धारा में लगातार बहने लगा है, जो बेलवा के दक्षिणी भाग की ओर लगातार बह रहा है।
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर, बिथान और हसनपुर प्रखंड में बागमती व करेह का पानी निचले इलाकों में प्रवेश करने लगा है। फिलहाल निचले इलाके के खेत में ही पानी पसर रहा है। हालांकि बिथान में कुछ जगह सड़क संपर्क भी प्रभावित हुआ है। इधर, बूढ़ी गंडक व गंगा में धीमी गति से जलस्तर बढ़ रहा है। दोनों नदी अभी खतरे के निशान से नीचे है।
लगातार हो रही बारिश से दरभंगा से गुजरने वाली सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। घनश्यामपुर प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे 10 गांवों में कमला-बलान का पानी प्रवेश करने से स्थिति बदतर हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बेनीबाद (गायघाट) में बागमती नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटों में 07 सेमी बढ़कर खतरे के निशान से 92 सेमी ऊपर चला गया है। इधर, अधवारा नदी का पानी हनुमाननगर प्रखंड के चौर में लगातार फैल रहा है। कमला बलान नदी जयनगर में पिछले 24 घंटो में 08 सेमी बढ़कर खतरे के निशान से 1.05 मी ऊपर 68.80 मी. पर बह रही लगी है।