राज्यमंत्रीने अध्यापकों और विद्यार्थियोंकी जिज्ञासाओंको किया शांत
काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को गांधी अध्ययन पीठ में संवाद कार्यक्रम में वह बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि काशी विद्यापीठ में आकर में गौरान्वित महसूस करता हूं। उन्होंने काशी विद्यापीठ में पढऩे के दौरान अपनी रोचक घटनाओं का जिक्र किया। श्री तिवारी कहा कि काशी विद्यापीठ में काफी बदलाव आया है। यह पहले से ज्यादा प्रगति की है। उन्होंने गुरुजनों का सम्मान करने पर बल दिया। उन्होंने अध्यापकों और विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। उनके प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार हमेशा लोगों को सुविधाएं देने में तत्पर है। उन्होंने काशी विद्यापीठ को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के प्रयास में अपनी भागीदारी करने पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू होने पर आपकी कई शंकाओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही सोनभद्र का क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध होगा। एक शोध छात्रा द्वारा किन्नर समाज की समस्याओं को उठाया गया। इस पर विचार करने के लिए राज्यमंत्री ने शोधपत्र मांगा। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉक्टर बंशीधर पांडेय, संचालन डॉक्टर राहुल गुप्ता ने किया। धन्यवाद प्रकाश जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पूर्व वाइसचांसलर प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने किया।कार्यक्रमों में मानविकी संकायाध्यक्ष प्रोफेसर शशि देवी सिंह, प्रोफेसर आरपी सिंह, प्रोफेसर अजीत शुक्ला, प्रोफेसर अशोक मिश्रा, प्रोफेसर वंदना सिन्हा, प्रोफेसर सत्या सिंह, प्रोफेसर ब्रजेश सिंह, डॉक्टर के के सिंह, प्रोफेसर डॉ संदीप गिरी, डॉक्टर दुर्गेश उपाध्याय, डॉक्टर नलिनी श्याम कामिल, प्रोफेसर राजेश मिश्र, प्रोफेसरसुशील गौतम, प्रोफेसर मलिका पांडेय, प्रोफेसर गोपाल नायक, वित्त अधिकारी राधेश्याम, कुलानुशासक संतोष गुप्ता, प्रोफेसर रंजन , डॉक्टर विनोद सिंह, डॉक्टर अरुण शर्मा, डॉक्टर नागेन्द्र पाठक, डॉक्टर रमेश सिंह, डॉक्टर शिवजी सिंह, डॉक्टर प्रदीप कुमार, डॉक्टर अजय वर्मा, डॉक्टर सुमन ओझा, डॉक्टर अमरेन्द्र सिंह, महेंद्र पांडेय, नंद कुमार झा आदि उपस्थित थे।