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किसी दूसरे के टिकट पर भी हो सकती है यात्रा, फिल्मी अंदाज में रेलवे ने बताया नियम


नई दिल्ली, : आजकल क्रिएटिविटी का जमाना है। किसी को कोई जानकारी देनी होती है तो क्रिएटिव तरीके से बताने पर वह लंबे समय तक याद रहती है। इसी का लाभ उठाते हुए भारतीय रेलवे ने भी यात्रियों को एक बड़ी सीख दी है।

पश्चिम रेलवे ने 21 अप्रैल को रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई, किसी की जान’ के टाइटल से प्रभावित होकर यात्रियों को रेलवे के एक बड़े ही महत्वपूर्ण नियम के बारे में बताया है। रेलवे ने फिल्म टाइटल की तर्ज पर ‘किसी का टिकट, किसी का सफर’ स्लोगन के जरिए यात्रियों को इस बात की जानकारी दी है कि किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर जारी टिकट पर यात्रा के क्या नियम हैं।

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क्या है टिकट ट्रांसफर के नियम?

इस पूरे नियम को जानने से पहले आप सबसे पहले यह जान लें कि आप सिर्फ अपने फैमिली मेंबर्स के नाम पर टिकट को ट्रांसफर कर पाएंगे ना कि अपने किसी दोस्त या अनजान व्यक्ति के साथ। चलिए, अब जानते हैं कि टिकट ट्रांसफर के नियम क्या हैं…

  • अगर आपको अपना टिकट किसी फैमिली मेम्बर के नाम पर ट्रांसफर करना है तो सबसे पहले तो आपके टिकट का कन्फर्म होना जरूरी है। वेटिंग लिस्ट या RAC टिकट को ट्रांसफर नहीं सकते, चाहे वो टिकट ऑनलाइन बुक हुआ हो या फिर ऑफलाइन
  • परिवार के सदस्यों में भी आप सिर्फ अपने माता-पिता, भाई या बहन, पति-पत्नी और बेटा या बेटी को ही टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं, बाकी किसी रिश्तेदार को नहीं।
  • यात्री टिकट को ट्रेन के रवाना होने के 24 घंटे से पहले रिक्वेस्ट डालनी होगी।

 

कैसे करें टिकट ट्रांसफर

  • आपको अपने कन्फर्म टिकट का प्रिंटआउट लेकर रिजर्वेशन काउंटर पर जाना पड़ेगा।
  • जिस व्यक्ति के नाम पर आप टिकट को ट्रांसफर करना है उसका आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड के साथ आपको एक आवेदन जमा करना होगा।
  • कन्फर्म टिकट वाले व्यक्ति और जिसके नाम पर टिकट ट्रांसफर करना है उन दोनों को अपने रिलेशन का सबूत देना होगा।
  • इसके बाद दोनों पैसेंजर की आईडी और टिकट की कॉपी को नजदीकी टिकट काउंटर पर चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास जमा कराना होगा।