बता दें कि हिंदू संगठन का कहना है कि कुतुबमीनार को 27 हिंदू देवी-देवताओं और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाय गया है। इसलिए यहां पूजा करने की इजाजत दी जाए। इसे लेकर हिंदू संगठन की ओर से कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिस पर आज सुनवाई हो रही है।
जागरण संवाददाता रजनीश पांडे से मिली जानकारी के मुताबिक, साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें रखी।
दोनों पक्षों की दलील के मुख्य अंश-
जज (महेंद्रध्वज पक्ष से): यह संपत्ति पर स्वामित्व का मामला नहीं है। ये कई लोगों द्वारा पूजा का अधिकार मांगे जाने का मामला है। आप इस मामले में तीसरे पक्षकार बनने का दावा किस आधार पर कर रहे हैं।
महेंद्रध्वज के वकील: क्योंकि कोर्ट के इस फैसले से मेरी संपत्ति प्रभावित होगी।
पूजा पक्ष: यहां तीसरे पक्ष के कब्जे व अधिकार का कोई मामला नहीं उठता है। यह उनके लिए केवल एक पब्लिसिटी स्टंट है।
मामले में महेंद्रध्वज को तीसरा पक्षकार बनाने पर 17 सितंबर को कोर्ट जारी करेगा फैसला। उसके बाद पूजा के अधिकार मामले में फिर से सुनवाई होगी। महेंद्रध्वज मामले में फैसले के बाद 17 सितंबर के बाद पूजा के अधिकार मामले में फिर से सुनवाई होगी।
इससे पहले जो भी सुनवाई हुई थी पूजा के अधिकार पर, वो दूसरे जज के सामने हुई थी। अब उनका तबादला हो गया था।