डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियों को प्रशिक्षण की जरूरत
गडकरी, जो अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं, ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘कंपनियों द्वारा तैयार कुछ डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) सबसे खराब हैं और सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।’ उन्होंने डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
‘शुरुआत डीपीआर से करनी चाहिए’
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत वहां से करो। अगर वो सुधरेंगे नहीं, तो पूरा तुम्हारा सत्यानाश हो जाएगा (शुरुआत डीपीआर से की जानी चाहिए। अगर डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियां नहीं सुधरती हैं, तो समस्या फिर से हो जाएगी)। हल्के-फुल्के अंदाज में मंत्री ने कहा कि अकुशल चालक के हाथ में नई मर्सिडीज कार भी समस्या खड़ी कर सकती है।
गडकरी ने सड़क परियोजनाओं में देरी के कारणों की पहचान करने पर जोर दिया क्योंकि देरी के कारण निर्माण की बढ़ती लागत भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
2021 में सड़क दुर्घटना में 1.55 लाख लोगों की गई जान
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई। इसके अनुसार, औसतन हर दिन 426 और हर एक घंटे में 18 लोगों की जान गई है, जो अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज की गई सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है।
गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जबकि सड़क दुर्घटनाओं और घायल लोगों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है।