Post Views: 353 आर.डी. सत्येन्द्र कुमार स्वतन्त्रत निदेशकोंका मामला फिलहाल नियुक्तिके मुद्देपर नयी चुनौतियोंसे रू-ब-रू है। इनके चलते प्रमोटर्सका अधिकार अब पहले जैसा नहीं रहा। इस परिवर्तनकी चपेटमें पांच सौसे अधिक प्रोन्नायक आ गये हैं। इसके चलते पांच सौसे अधिक अधिसूचित कम्पनियोंके प्रमोटरोंकी अबतक चली आ रही निदेशक विषयक इजारेदारी खत्म हो गयी है। वैसे […]
Post Views: 630 डा. एस. एन मिश्र कोरोनाकी दूसरी लहरमें जहां टीकाकरणकी जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है वहीं भारतके टीकाकरण सिस्टमपर भी खूब आलोचनाके घेरेमें है। भारतके टीकाकरण प्रोग्रामके बारेमें कई तरह भ्रांतियां फैल रही हैं। कुछ आधे-अधूरे सच हैं तो कुछ सफेद झूठ हैं। केंद्र सरकार पिछले सालके मध्यसे ही सभी प्रमुख […]
Post Views: 832 डा. गौरीशंकर राजहंस पूरे देशमें २५ दिनमें प्रतिदिन बीस हजारसे बढ़कर कोरोनाके रोगी एक लाख प्रतिदिन हो गये हैं और प्रतिदिन नये मामलोंमें कोई कमी नहीं हो रही है, बल्कि बढ़ते ही जा रहे हैं। सबसे खराब हालत महाराष्ट्रकी है जहां मुम्बई जैसे महानगरमें एक तरहसे सीमित लाकडाउन लगा दिया गया है। […]