Post Views: 516 डा. गौरीशंकर राजहंस अमेरिका और रूस दोनों महाशक्तियां एक-दूसरेके मुकाबले काफी ताकतवर थीं और लगता भी नहीं था कि एक-दूूसरेकी ताकतमें कभी कोई कमी पड़ेगी। परन्तु ७० का दशक आते-आते रूस कमजोर पड़ता गया और पड़ोसके जिन देशोंपर उसने नियंत्रण कर रखा था वह देश धीरे-धीरे रूससे किनारा कर आजाद होते गये। […]
Post Views: 340 डा. वरिंदर भाटिया भारतीय अर्थव्यवस्थाको मजबूती देनेके लिए सरकारको नोट छापनेके सुझाव दिये जा रहे हैं। भारतमें १९९७ तक आरबीआई सरकारी घाटेकी भरपाई नये करंसी नोट छापकर करता रहा है। हालांकि इस तरहसे सरकारी घाटेकी भरपाई करनेके काफी नुकसान भी होते हैं। इसीलिए १९९४ में तत्कालीन वित्तमंत्री और तत्कालीन आरबीआई गवर्नरने १९९७ […]