पटना

गया: 1700 में बिक रहा 500 का आक्सीमीटर


      • ऊंचे दामों पर मजबूरी में खरीद रहे लोग
      • मास्क और सेनीटाइजरके दामोंमें भी उछाल

गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ बाजार में पल्स आक्सीमीटर के दाम आसमान छू रहे हैं। 500 रूपये का आक्सीमीटर 1500 से लेकर 1700 तक रुपए में बिक रहा है। एक तरफ जहां आक्सीजन गैस को लेकर मारे फिर रहे हैं। वही आक्सीमीटर के दामों में उछाल से मरीज के परिजन बेहाल है। जिले में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिदिन 800 से 900 से अधिक लोग कोरोना पाजिटिव निकल रहे हैं।

कोरोना के अधिकतर मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। जिस कारण मरीजों को दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। भारी डिमांडके कारण बाजार में आक्सीमीटर के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। जिस दुकानों पर आक्सीमीटर उपलब्ध है वो तीन गुना से ज्यादा दामों पर बेच रहे हैं। शहर के शहर के फतेह बहादुर शिवाला रोड स्थित दबा मंडी में आक्सीमीटर महंगे दामों पर बेची जा रही है।

जानकार बताते हैं कि एक महीने पहले पल्स आक्सीमीटर 350 से 500 रुपये में मिलता था, लेकिन कोरोना के बढ़ते कहर के बीच अब पल्स आक्सीमीटर की मांग तेज हो गई। जिसके कारण मनमाने दामों पर इसकी बिक्री हो रही है। आक्सीमीटर के जरिए मरीज अपनी आक्सीजन लेवल नापते है। वहीं मास्क और सैनिटाइजर के दामों में भी भारी उछाल देखी जा रही है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ती रफ़्तार से मास्क और सेनीटाइजर की भी डिमांड बढ़ गई है। बाजारों में उपलब्ध विभिन्न कंपनियों के मास्क और सेनीटाइजर के दाम पिछले वर्षो की तुलना में दुगुने बढ़ गए है। लोग अपने स्वास्थ की रक्षा के लिए महंगे दामों पर इन्हें खरीदने पर मजबूर हैं। कोरोना में एन 95 मास्क सबसे कारगर माना जाता है। पहले यह 50 रुपये में मिल जाता था। अब यह दुगने रेट में बेचे जा रहे हैं। मेडिकल इक्विपमेंट्स के दामों में बेतहाशा वृद्धि से लोग सोचने पर मजबूर हैं।

आपदा की इस घड़ी में आक्सीजन जैसे जीवन रक्षक संयंत्रों के मनमाना तरीके से दाम लेकर लोगों के साथ आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ग्राहकों की माने तो जीवन रक्षक पदार्थों में लोगों से मजबूरी का फायदा के तौर पर अधिक राशि ली जा रही है। डिजिटल थर्मामीटर 200 से 250 रूपये, गलवस 100 से 170 रुपए, सर्जिकल मास्क 200 रुपए सैकड़ा की दर से बेचे जा रहे हैं।

इधर जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक जीवन रक्षक सामग्रियों के दामों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। जिससे लोगों में काफी नाराजगी है। ग्राहकों की माने तो स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दवाओं एवं मेडिकल संयंत्रेां का रेट चार्ट जारी करनी चाहिए ताकि लोग कोपभाजन का शिकार ना हो सके।