- कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की पिटाई से मौत की घटना को लेकर सियासत गर्म है। वहीं मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं। गुरुवार को मिली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि मनीष गुप्ता की मौत के पीछे पुलिस द्वारा बर्बरता से की गई पिटाई ही सबसे बड़ा कारण है।
मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान
इस रिपोर्ट के मुताबिक मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान मिले हैं। वहीं सिर में जो गहरी चोट लगी थी, वह उनके लिए जानलेवा मौत का कारण साबित हुई। इसके अलावा मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडे से गंभीर चोट लगी थी। रिपोर्ट में पिटाई के निशान भी मिले हैं और बाएं आंख की ऊपरी परत पर भी चोट लगी है।
मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद
रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे।
होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी पुलिस
गौरतलब हैं कि सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं।