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चीनी कंपनियों के बही-खाते के साथ ही उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट पर भी पैनी नजर,


नई दिल्ली। भारत में काम कर रही है 400 से अधिक चीन की कंपनियों के बही-खाते पर सरकार की पैनी नजर है। वहीं, कारपोरेट मंत्रालय चीन की कंपनियों से जुड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) पर भी नजर रख रही है। हाल ही में वीवो इंडिया पर ईडी की छापेमारी के दौरान कई सेल या फर्जी कंपनियां सामने आई हैं। इन सेल कंपनियों के निर्माण से लेकर इस प्रकार की कंपनियों के ऑडिट के मामले में सीए की भूमिका की जांच की जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक वीवो इंडिया पर छापेमारी के दौरान सेल कंपनियों में चीन के नागरिक के निदेशक होने की बात सामने आई और इन सेल कंपनियों के सृजन के लिए फर्जी पते का इस्तेमाल किया गया। कई फर्जी कंपनियों की स्थापना के लिए सीए के पते का इस्तेमाल भी किया गया है। इन सब वजहों से चीन की कंपनियों से जुड़े सीए की भूमिका पर कारपोरेट मंत्रालय की पैनी नजर है।

वीवो के अलावा चीन की अन्य प्रमुख कंपनियों पर सरकारी एजेंसी की तरफ से छानबीन के दौरान इन कंपनियों से जुड़ी सेल कंपनियों के मामले सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक कारपोरेट मामले के मंत्रालय की तरफ से चीन की कंपनियों से संबंध रखने वाले कई भारतीय कंपनियों पर भी नजर रखी जा रही है और चीन की कंपनियों से जुड़ी कई सेल कंपनियों के पंजीयन को समाप्त कर दिया गया है।

वीवो से पहले शाओमी और जेडटीई व अन्य चीनी कंपनियों पर सरकारी छापेमारी के बाद कारपोरेट मंत्रालय किसी भी कंपनी के बोर्ड में चीन के नागरिक को निदेशक बनाने को लेकर सख्त हो गया है। पिछले महीने लिए गए फैसले के मुताबिक अब चीन के नागरिक को कंपनी के बोर्ड में लाने से पहले कंपनी को गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।