नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दमदार प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने बम्पर सीट पाकर कांग्रेस को धूल चटाने का काम किया है। इन राज्यों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली जीत छत्तीसगढ़ की है।
दरअसल, चाहे एग्जिट पोल हो या कोई राजनीतिक पंडित सभी ने छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस में या तो कांटे की टक्कर या कांग्रेस की जीत बताई थी। लेकिन चुनावी परिणामों ने सभी को चौंकाकर रख दिया।
भाजपा ने यहां कांग्रेस को बड़े अंतर से हराया। भाजपा को 54 तो कांग्रेस को 35 सीटें मिली है। इस बीच प्रदेश में जीत के बाद अब सीएम फेस से भी पार्टी सभी को चौंका सकती है।
सीएम चेहरे के बिना चुनाव लड़ी भाजपा
वैसे तो छत्तीसगढ़ में इस बार भाजपा बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव लड़ी थी और पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांगे, लेकिन भाजपा की जीत के बाद कई नाम ऐसे हैं जो सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं। सूची में पूर्व सीएम रमन सिंह का नाम भी शामिल हैं।
रमन सिंह रेस से बाहर?
हालांकि, रमन सिंह कई दफा ये बात बोल चुके हैं कि सीएम बनाने का फैसला भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। आज भी रमन सिंह के एक बयान के बाद ये अटकलें लगने लगीं की वो सीएम पद की रेस से बाहर हैं।
दरअसल, रमन सिंह ने आज कहा कि नई सरकार कोई भी मुखिया बन सकता है, लेकिन उसके सामने योजनाओं को लागू करने की चुनौतियां होंगी।
अरुण साव का भी नाम
अरुण साव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और राज्य में पार्टी को जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है। पहली बार 2003 में जब भाजपा ने राज्य में चुनाव जीता था तो रमन सिंह प्रदेश अध्यक्ष थे और उन्हें ही सीएम बनाया गया था, इसलिए अब अरुण साव को लेकर भी यही अनुमान लगाया जा रहा है।
सरोज पांडेय
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी इस रेस में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में महिला वोटरों ने इस बार भाजपा को बम्पर वोट दिए और सरोज को भाजपा की महिला नेता का बड़ा चेहरा भी माना जाता है। यही कारण है कि सरोज पांडेय भी सीएम बनने की दावेदार हैं।
सरोज पांडेय के अलावा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का नाम भी सीएम रेस में शामिल है।
लता उसेंडी
लता को भाजपा का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है। लता 2003 में पहली बार विधायक बनी थी। लता भाजयुमो की भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।