कोरोना वायरस महामारी से भारत के अंदर जनता में त्राहिमाम त्राहिमाम मचा हुआ है. कोविड की दूसरी लहर ने सुनामी का रूप ले लिया है, जिससे देश में भयावह स्थिति बनी है. संकट के इस दौर में सियासत भी अपने चरम पर है. दिनों दिन संक्रमण के बिगड़े हालातों को लेकर जहां सरकारें लगातार कदम उठा रही हैं तो वहीं विपक्ष नाकामियों को लेकर हमलावर है. विपक्ष खासकर केंद्र की मोदी सरकार को संकट से निपटने में विफल करार देते हुए घेरे हुए है. इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी कोरोना को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. राहुल गांधी ने आज भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोरोना महामारी के बीच जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा, ‘जनता के प्राण जाएं, पर PM की टैक्स वसूली ना जाए.’ इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने हैजटैग जीएसटी का इस्तेमाल किया है. यानी कि राहुल ने यह बात जीएसटी को लेकर कही है.
इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन योजना की आलोचना की. राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है. उन्होंने भारत को अत्यधिक खतरनाक स्थिति में डाल दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की विफलता के कारण देश एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के मुहाने पर खड़ा हो गया है ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए, ताकि उन्हें पिछले साल की तरह पीड़ा से न गुजरना पड़े.
एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री को यह उनका दूसरा पत्र था. उन्होंने पहले 9 अप्रैल को मोदी को लिखा था कि टीकाकरण के लिए हर किसी को इसकी जरूरत है टीका निर्यात पर तत्काल रोक लगाने का आहवान किया गया था. अगर इसी गति से टीकाकरण जारी रहा तो अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. शुक्रवार को भेजे गए तीन पन्नों के पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि मुझे एक बार फिर से लिखने के लिए मजबूर किया गया है, क्योंकि कोविड सूनामी हमारे देश को तबाह कर रही है.