पटना। शुक्रवार की सबसे बड़ी खबर पटना हाईकोर्ट से आई है। उच्च न्यायालय ने 1999 के बिहार के चर्चित सेनारी नरसंहार कांड में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को फौरन रिहा करने के आदेश दिए हैं।
पटना हाइकोर्ट ने सेनारी नरसंहार पर शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने इस नरसंहार के 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। हाइकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द दिया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
18 मार्च 1999 में यह नरसंहार हुआ था, जिसमें 34 लोगों की हत्या हुई थी। घटना में 10 को फांसी और तीन लोगों को उम्रकैद की सजा निचली अदालत ने सुनायी थी। 15 नवंबर 2016 को जहानाबाद जिला अदालत ने अपना फैसला सुनाया था। आज पटना हाइकोर्ट के जज अश्विनी कुमार सिंह और अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए ये जजमेंट दिया है।
2016 में बिहार में जहानाबाद के सेनारी नरसंहार कांड की सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने 17 साल बाद फैसला सुनाते हुए 10 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। 34 लोगों के इस बहुचर्चित नरसंहार कांड के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी और उन पर एक-एक लाख रुपए जुर्माना लगाया गया था।
उस फैसले के वक्त इस केस में दो दोषी फरार भी थे। तब निचली अदाल ने फैसले में इस नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस केस के कुल 70 आरोपियों में से 4 की मौत हो चुकी है। 2016 में निचली अदालत पहले ही 20 आरोपियों को बरी कर चुकी थी।