पांच हत्याएं वाराणसी पुलिस के लिए बनी मिस्ट्री, घास के ढेर में सूई हुए अपराधी, नये साल में ये चुनौती
अंग्रेजी में एक कहावत है ‘क्राइम नेवर पेसÓ। कहने का मतलब अपराध कभी फलीभूत नहीं होता है। लेकिन वाराणसी में कुछ अपराध करके अपराधियों ने इस कहावत का मतलब उल्टा कर दिया है। जनपद में पांच ऐसी हत्याएं हुईं, जिनके बारे में पुलिस अभी तक सबूतों के तलाश में अंधी गली में ही हाथ-पैर मार रही है और अपराधी चैन से है। यह ऐसी मर्डर मिस्ट्री है जिसमें पुलिस बीते डेढ़ वर्षों के दौरान एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। अपराधी उनके लिये घास की ढेर में सूई सरीखे हो गये हैं और अधिकारी काउंटर पर गाल बजा रहे हैं। इसके उलट परिजनों को अभी अपराधियों के पकड़े जाने और न्याय की उम्मीद बनी हुई है। नये वर्ष में पुलिस के लिये इन पांच हत्याओं का वर्कआउट करना बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।
केस नम्बर-१ :- मंडुआडीह बाजार में १५ मई २०१९ को घर से निकली चम्पा देवी की दो दिन बाद फुलवरिया के राणानगर कालोनी में बोरे में शव मिला था।
परिजन:- मृतका का पुत्र विनोद सोनकर के अनुसार स्थानीय पुलिस अपराधी की तलाश करना तो दूर हम लोगों को टार्चर करने लगी। मामले को उच्चाधिकारी से गुहार लगायी तो पुलिस टार्चर करना बंद तो कर दिया लेकिन उक्त मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
केस नम्बर-२ :- सरकारीपुरा (मंडुआडीह) के ३१ मई २०१९ दुर्गावती देवी घर से निकली वापस नही लौटी दो दिन बाद बसंत पट्टïी रोहनिया में उसका शव अधजली वस्था में मिला।
परिजन:- मृतका के पुत्र जय प्रकाश पाल के अनुसार हत्या का पर्दाफाश करने के लिये स्थानीय पुलिस का चक्कर लगाया लेकिन न्याय नही मिला।
पुलिस :- मंडुआडीह थाना प्रभारी निरीक्षक महेन्द्र राम प्रजापति का कहना है कि दोनों घटनाओं का विवेचना जारी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत इन्फेक्शन के कारण हुई है। पुलिस के नजर में परे है। दोनों मृतकों के परिजन इस मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं दो घटनाओं के सीडीआर और सीसी फूटेज के नम्बरों से सुनने पर कोई प्रमाण नही मिल सका। फिलहाल सीएमओ को अलग-अलग बोर्ड पेश किया गया है।
केस नम्बर-३ :- बीएचयू परिसर में २३ सितम्बर २०१९ की रात्रि में चाय की दूकानदार रामजतन साहनी उर्फ रामू की दूकान के सामने ही चारपायी पर निर्मम हत्या कर दिया गया था।
परिजन:- परिजनों का आरोप है कि जब भी इस हत्याकांड के बारे में थाने पर पूछने जाते हैं तो यही कह कर लौटा दिया जाता हे कि जांच चल रही है। हत्या १५ महीने बीत जाने के बाद भी लंका पुलिस को कोई सुराग नही मिली तो फिर कैसी जांच चल रही है।
पुलिस :- लंका पुलिस का कहना है कि उक्त घटना के मामले में किसी निसकर्ष पर नही पहुंच पायी है। हत्या करने वाले कौन हो सकते है।
केस नम्बर-४ :- सारनाथ थाना क्षेत्र के भौसोड़ी गांव के सामने २५ अक्तूबर २०१९ को सराफा व्यवसायी से १५ लाख की लूट की घटना का रोड़ा पड़ा। कमलेश यादव को बदमाशों ने हत्या कर दी।
परिजन:- मृतक के चाचा ग्राम प्रधान साधु यादव का कहना है कि सारनाथ पुलिस हमसे पूछती है कि बदमाशों का कोई सुराग है बताओ। बदमाशों के बारे में हम क्या बतायेंगे। पुलिस का यह रवैया हमारे लिये और पीड़ादायक है। पुलिस के ऊपर से हमलोगों का विश्वास खत्म हो चुका है।
पुलिस :- कमलेश यादव हत्याकांड के मामले में सारनाथ थाना प्रभारी निरीक्षक इन्द्रभूषण यादव ने बताया कि यह प्रकरण काफी पुराना है जिसकी विवेचना चल रही है शीघ्र ही हमलावरों की गिरफ्तारी कर ली जायेगी। हत्यारों का सुराग मिल गया है। उनके ठीकानों को चिह्निïत किया जा रहा है।
केस नम्बर-५ :- सदर तहसील परिसर (शिवपुर) में ३० सितम्बर २०१९ को बस संचालक प्रापर्टी डीलर नीतेश कुमार सिंह उर्फ बबलू की गोली मारकर हत्या कर दिया गया था।
परिजन:- मृतका के छोटा भाई अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस सब कुछ जानती है हत्या कौन किया कौन कराया है। इसके बावजूद पुलिस अपराधियों को पकडऩे के बजाय आश्वासन दे रही है। हम लोगों का पुलिस के ऊपर से भरोसा उठ चुका है।
पुलिस :- शिवपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि इस घटना में एक हमलावर की पहचान हो गयी है जबकि अन्य हमलावरों के बारे में सुरागरसी की जा रही है।