नई दिल्ली, । तमिलनाडु में नीट परीक्षा को लेकर सियासत में गर्मी बढ़ती जा रही है। राज्य में राज्यपाल आर एन रवि द्वारा NEET परीक्षा में छूट देने से संबंधी विधेयक को वापस करने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस बीच, तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें भाजपा और AIADMK भाग लेने से साफ इनकार कर दिया है। राज्य के भाजपा प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई ने इस बैठक को लेकर सरकार पर तमाम सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ DMK का उद्देश्य इस मुद्दे पर राजनीति करना है।
राज्य के भाजपा प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा
राज्य के भाजपा प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से पत्र को लेकर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री जब तक आप पत्र का जवाब नहीं देते और पत्र जारी नहीं करते, भाजपा सर्वदलीय बैठक (6 फरवरी को) में भाग नहीं लेगी। सामाजिक न्याय, पिछड़ापन, सब कुछ सुप्रीम कोर्ट ने वेल्लोर मामले में ही परखा था। आप किसे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं?’
तमिल नाडु सीएम एमके स्टालिन ने कहा
राजनीतिक गलियारों में मचे शोर के बाद तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और मैं नीट परीक्षा के मुद्दे पर राज्यपाल से मिला, जिसमें छूट के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। मैंने वर्चुअल मीटिंग में पीएम से भी अपील की थी, जब उन्होंने 11 नए मेडिकल कालेज खोले।’
सीएम स्टालिन ने बताया कि अब राज्यपाल ने हमारे बिल को 143 दिनों तक अपने डेस्क पर रखने के बाद वापस भेज दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा करना तक जायज है। उन्होंने राजपाल आरएन रवि पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीट को खत्म करने की मांग करने वाले विधेयक की बात आई तो राज्यपाल अपने उस कर्तव्य को निभा पाने में विफल रहे, जो संविधान ने उन्हें सौंपी है।
विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुई NEET परीक्षा से 8 करोड़ लोगों को छूट देने की मांग को लेकर सीएम स्टालिन ने कहा, ‘मैं आप सभी से और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आज की सर्वदलीय बैठक में अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए कहता हूं।’