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- 1ली से 8वीं के प्रोन्नत हुए बच्चों के बदल जायेंगे वर्गकक्ष
- 9वीं की परीक्षा दे चुके बच्चे बैठेंगे 10वीं के क्लासरूम में
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के तकरीबन 80 हजार से अधिक सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में गुरुवार (एक अप्रैल) से नया शैक्षिक सत्र शुरू होगा। नये शैक्षिक सत्र के पहले ही दिन 1ली से 8वीं कक्षा को प्रोन्नत हुए करोड़ों बच्चों के वर्गकक्ष बदल जायेंगे। ये बच्चे 2री से 9वीं कक्षा के वर्गकक्ष में बैठेंगे। 9वीं कक्षा के बच्चे 10वीं कक्षा के वर्गकक्ष में चले जायेंगे।
दरअसल, राज्य के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त सकूलों में वर्ष 2005 तक हर साल शैक्षिक सत्र जनवरी में शुरू होकर दिसंबर माह में पूरा होता था। यह परंपरा शुरू से चली आ रही थी। इससे इतर सीबीएसई एवं आईसीएसई स्कूलों में शैक्षिक सत्र हर साल अप्रैल से शुरू होकर मार्च तक चलता था। यह परंपरा सीबीएसई एवं आईसीएसई स्कूलों में आज भी चल रही है। लेकिन, सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त सकूलों में जनवरी से दिसंबर माह तक के शैक्षिक सत्र की व्यवस्था कायम नहीं रह पायी। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने राज्य की सत्ता संभाली। उसके अगले साल यानी वर्ष 2006 से सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भी सीबीएसई पैटर्न पर ही शैक्षिक सत्र जनवरी से दिसंबर के बदले अप्रैल से मार्च तक करने की व्यवस्था लागू हुई।
राज्य में वर्तमान में सरकारी स्कूलों की बात करें, तो तकरीबन 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें 1ली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। इसी प्रकार तकरीबन 29 हजार मध्य विद्यालय हैं, जिनमें 1ली से 8वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। इसके अलावा तकरीबन आठ हजार माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें 9वीं कक्षा से पढ़ाई शुरू होती है। 72 सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। 715 अनुदानित प्रस्वीकृत व स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। इससे इतर 108 सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक विद्यालय हैं।
कोरोनाकाल को लेकर पिछले साल 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षा के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नति दे दी गयी थी। इससे पिछले साल यानी वर्ष 2020 में 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षा के बच्चे प्रोन्नत होकर बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में चले गये थे।
इस वर्ष भी कोरोनाकाल की वजह से वैसा ही हुआ। 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चे बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत किये गये हैं। यानी प्रोन्नत हुए ये बच्चे गुरुवार से शुरू होने वाले नये शैक्षिक सत्र में क्रमश: 2री से 9वीं कक्षा के वर्गकक्ष में बैठेंगे। इसके लिए 5वीं तक की पढ़ाई वाले तकरीबन 43 हजार प्राथमिक विद्यालयों से 5वीं कक्षा से प्रोन्नत हुए बच्चे मध्य विद्यालयों में 6ठी कक्षा में तथा तकरीबन 29 हजार मध्य विद्यालयों से 8वीं कक्षा से प्रोन्नत हुए बच्चे माध्यमिक विद्यालयों में 9वीं कक्षा में नामांकित हो चुके हैं। 1ली से 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए विशेष नामांकन अभियान भी चलाया गया। 1ली से 9वीं कक्षा में दाखिले अभी चलेंगे।
रही बात 9वीं कक्षा के बच्चों की, तो उनकी वार्षिक परीक्षा हो चुकी है। वे गुरुवार से 10वीं कक्षा के वर्गकक्ष में बैठने वाले हैं।