पटना (विधि सं)। पटना हाई कोर्ट ने विगत 31 मार्च, 2019 तक अहर्ता पूरी नहीं करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा मुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया है। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने अताउर रहमान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया है। कोर्ट ने उक्त मामले पर अगली सुनवाई की तारीख आगामी 16 अगस्त निर्धारित की किया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से विगत 22 अगस्त, 2019 को ज्ञापांक संख्या- 1422 तथा 13 नवंबर, 2020 को ज्ञापांक संख्या 978 जारी कर सूबे के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों व जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया था कि वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक जो 31 मार्च, 2019 तक प्रारंभिक स्तरीय प्रशिक्षण यानी डीईएलईडी प्राप्त नहीं कर लेते हैं, वैसे सभी शिक्षकों को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई की जाए।
उनका कहना था कि बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून की धारा 23(2) में 9 अगस्त, 2019 को संशोधन किया गया है। जो शिक्षक इस संशोधन के पूर्व बहाल हो चुके हैं, उन पर यह संशोधन कानून लागू नहीं होगा। आगे यह भी कहना था कि सेवाकालीन प्रशिक्षण देने का दायित्व राज्य सरकार का है।