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आरोपों की जांच को लेकर राजभवन का आदेश
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एमयू के कुलपति को वीकेएसयू का अतिरिक्त प्रभार
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राजभवन ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी पर लगे आरोपों की जांच कार्य पूरा होने तक उन्हें अनिवार्य अवकाश पर रहने का आदेश दिया है। जांच पूर्ण होने की अवधि अथवा अग्रिम आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
यह कार्रवाई राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के आदेश पर हुई है। आदेश कुलाधिपति-सह-राज्यपाल के सचिव राबर्ट एल. चोंगथू के हस्ताक्षर से राज्यपाल सचिवालय ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी को दिया है। इसके मुताबिक वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति के विरुद्ध प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप हैं। इसकी जांच के लिए कुलाधिपति द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी। समिति को आरोपों की जांच कर अविलंब जांच रिपोर्ट समर्पित करने के निर्देश दिये गये थे।
जांच समिति के अध्यक्ष प्रो. सिंह द्वारा गत 21 मार्च को राजभवन को सौंपी गयी एक रिपोर्ट में कहा गया कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा समिति को जांच करने में विभिन्न प्रकार की बाधाएं उत्पन्न की गयी और कुलपति के निर्देश पर विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों द्वारा समिति को जांच में न तो कोई सहयोग किया गया और न ही जांच हेतु संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराये गये। इसके मद्देनजर कुलाधिपति कार्यालय (राजभवन) ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति से स्पष्टीकरण मांगा।
राज्यपाल सचिवालय द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी को दिये गये आदेश में कहा गया है कि प्रत्युत्तर में आपने अमर्यादित तरीके से जांच समिति के अध्यक्ष प्रो. सिंह पर तथ्यहीन, मिथ्या, भ्रामक तथा दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण में सही तथ्यात्मक-विषयवस्तु से भिन्न अपना स्पष्टीकरण समर्पित किया, जिसके फलस्वरूप आपका स्पष्टीकरण संतोषप्रद एवं ग्राह्य नहीं पाया गया। राज्यपाल सचिवालय ने अपने आदेश में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा है कि आप पर लगाये गये आरोप प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितता से संबंधित हैं, जो कि अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं।
आदेश में कहा गया है कि कुलाधिपति द्वारा गठित जांच समिति को जांच करने से रोकना एवं व्यवधान उत्पन्न करना एक गंभीर आरोप है। ऐसी विषम परिस्थितियों में आपका यह आचरण घोर निंदनीय, अमर्यादित एवं पूर्ण अनुशासनहीनता का स्पष्ट द्योतक है, साथ ही यह बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (अधतन संशोधित) के उपबंधों को विफल करने का कुप्रयास परिलक्षित होता है। कुलपति को दिये गये आदेश में कहा गया है कि आपके उक्त आचरण से स्पष्ट होता है कि आप अपने ऊपर लगाये गये सभी गंभीर आरोपों की जांच नहीं होने देना चाहते हैं जो अत्यंत आपत्तिजनक है।
इसके मद्देनजर बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (अद्यतन संशोधित) की धारा- 10 (3) एवं 11 में प्रदत्त शक्तियों एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप न्याय के हित में जांच समिति को बिना किसी भय या व्यवधान के निष्पक्ष जांच पूर्ण करने के लिए कुलाधिपति द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को अनिवार्य अवकाश पर जाने और मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति के अतिरिक्त प्रभार का आदेश दिया गया है।