(आज समाचार सेवा)
पटना। राजद के ललित यादव के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि अगले छह माह में ६३८८ चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगा। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। राज्य में १२ करोड़ की आवादी के लिए एक लाख २० हजार डाक्टर की जरूरत है। इसके विरुद्ध ४०४१९ डाक्टर उपलब्ध हैं।
मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि पिछले माह ६३८८ चिकित्सिकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार तकनीकी कर्मचारी सेवा आयोग को भेजी गयी है। आयोग ने आश्वस्त किया है कि अगले पांच से छह माह में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरा की योग्य चिकित्सकों की अनुशंसा सरकार को उपलब्ध करा दिया जायेगा। विभाग इसके बाद आवश्यकता के अनुरूप सभी जगहों पर उसे पदस्थापित करेगा। राज्य के अंदर ३५००० ऐलोपैथी, ३३९२२ आयुर्वेद चिकित्सक, ३४२५७ होम्योपैथिक, ५२०३ यूनानी चिकित्सक तथा ६१३० दंत चिकित्सक तथा ३१४१४ नर्स निबंधित हैं। ९१३० स्टाफ नर्स ग्रेड वन की नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार तकनीकी कर्मचारी सेवा आयोग को भेजी गयी है।
सतीश कुमार के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी जन्मजात और अनुवांशिकी है। इसका कोई अवुक दवा नहीं है। इस रोग से ग्रसित मरीजों की उम्र १२ से १५ वर्ष तक ही है। दुनिया के कई देशों में इस रोग के संबंध में अनुसंधान चल रहा है। इसका उपचार स्टेम सेल थेरेपी से कुछ हद तक किया जा सकता है।
बिजली विपत्रों में हो रही गड़बड़ी से संबंधित पूछे गये सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादन ने बताया कि आने वाले दिनों में सभी उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर उपलब्ध करा दिया जायेगा। इसके बाद कोई गड़बड़ी की शिकायत नहीं होगी। अगर बिजली विपत्र खपत से ज्यादा आ रहा है तो बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करायें उसका समाधान होगा।
अखतारूल इमान के विस्थापितों के पुनर्वास से संबंधित पूछे गये सवाल का जवाब संतोषजनक नहीं आने पर नाराज होकर बेल में आकर नारबाजी करने लगे। हालांकि उनकी बात को अनसुनी कर स्पीकर ने कार्यवाही आगे बढ़ा दी तो वे अपने विधायकों के साथ बेल में आकर जोर-जोर से बोलने लगे। बाद राजद के ललित यादव के अनुरोध के बाद उनकी बातों को सुना गया तथा मंत्री ने डीएम से बात कर उनकी समस्याओं के समाधान की बात कही।