साक्षरता परीक्षा में शामिल हुईं 454744 नवसाक्षर महिलाएं
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। अब तक तो आपने यही सुना होगा कि बच्चों को परीक्षा दिलाने उनकी मम्मी स्कूल लेकर जाती हैं। लेकिन, इसके उलट रविवार को बच्चे ही मम्मियों को परीक्षा दिलाने परीक्षा केंद्र तक ले गये। परीक्षा दिलाने गये बच्चे अपनी-अपनी मम्मी का हौसला बढ़ा रहे थे। कई मम्मी तो ऐसी थीं, जो नवजात शिशु को गोद में लिए परीक्षा देने पहुंचीं।
दरअसल, बच्चों के साथ परीक्षा केंद्रों पर पहुंचीं महिलाएं बुनियादी साक्षरता परीक्षा देने गयीं थीं। ये सभी ऐसी महिलाएं हैं, जो राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही साक्षरता की योजना के तहत पढऩा-लिखना सीख कर साक्षर हुईं हैं। योजना का नाम है- महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना। निरक्षरता उन्मूलन की यह योजना महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए चल रही है।
इस योजना के तहत राज्य में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की 5,41,240 और महिलाएं पढऩा-लिखना सीख कर साक्षर बन गयीं हैं। इन्हीं नवसाक्षर महिलाओं के लिए रविवार को राज्य भर में बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा में 4,54,744 महिलाएं शामिल हुईं। परीक्षा देकर महिलाओं ने इस बात का प्रमाण पेश किया कि अब वे पहले की तरह अंगूठा छाप नहीं रहीं। हस्ताक्षर करने वाली बन चुकीं हैं। परीक्षा में शामिल महिलाओं ने उपस्थिति पत्रक पर अपने हस्ताक्षर भी किये। परीक्षा देने वाली महिलाओं में ऐसी भी हैं, जो नाती-नतिनी एवं पोते-पोतियों वाली हैं।
यह परीक्षा राज्य भर में संकुल स्तर पर हुई। यह परीक्षा शिक्षा विभाग के जन शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित की गयी थी। जन शिक्षा निदेशक सतीश चंद्र झा, जो शिक्षा विभाग के विशेष सचिव हैं, स्वयं यहां राजधानी के परीक्षा केंद्रों पर औचक रूप से पहुंचे। श्री झा ने गजाधरचक, शेखपुरा, खाजपुरा एवं अदालतगंज परीक्षा केंद्रों पर पहुंच कर परीक्षा संचालन की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि कोरोना से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन का परीक्षा केंद्रों पर पूरी तरह से पालन किया गया है। परीक्षा देने वाली सभी महिलाएं मास्क में थीं। परीक्षा केंद्रों पर पेयजल की व्यवस्था भी की गयी थी।
जन शिक्षा के उपनिदेशक विजय कुमार हिमांशु, सहायक निदेशक रमेश चन्द्रा एवं परामर्शी प्रीति परिहार द्वारा राज्य के अलग-अलग जिलों में आयोजित बुनियादी साक्षरता परीक्षा केंद्रों का वीडियोकॉलिंग के माध्यम से सतत अनुश्रवण किया गया तथा नवसाक्षर महिलाओं एवं कर्मियों का उत्साहवद्र्धन किया गया। निदेशालय स्तर पर बुनियादी साक्षरता परीक्षा नियंत्रण कोषांग भी बनाया गया था। उसमें अधिकारी-कर्मचारी तैनात किये गये थे।
परीक्षा केंद्रों पर कई तरह के नवाचार किये गये थे। कहीं परीक्षा केंद्रों की सजावट बैनर, फूल, बैलून, रंगोली से की गयी थी, तो कहीं नवसाक्षरों के लिए चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी की गयी थी। नवसाक्षरों का स्वागत तिलक लगा कर एवं फूल देकर भी किया गया। जिलों में आदर्श परीक्षा केंद्र भी बनाये गये थे, नवसाक्षर महिलाओं एवं आम लोगों के आकर्षण के केंद्र रहे। परीक्षा को लेकर इसमें शामिल होने वालीं नवसाक्षर महिलाओं में काफी उत्साह रहा।
यहां राजधानी में बड़ा अस्पताल (पीएमसीएच) कन्या मध्य विद्यालय परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने वालीं महिलाओं में भी कई ऐसी थीं, जिनके साथ उनके बच्चे भी पहुंचे थे। बड़ा अस्पताल (पीएमसीएच) कन्या मध्य विद्यालय महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना का बुनियादी साक्षरता केंद्र भी है।
इस परीक्षा केंद्र पर बीस नवसाक्षर महिलाएं परीक्षा में बैठीं। परीक्षा नियंत्रक प्रधानाध्यापिका श्रीमती चंद्र कुमारी थीं। शिक्षा सेवक सुनीता कुमारी द्वारा परीक्षार्थी महिलाओं की आगवानी की गयी। शिक्षक प्रेमचंद्र एवं वेंकटेश कुमार की भी सक्रिय सहभागिता रही।