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- 17 मिनट ही चली प्रथम पाली विधेयक की प्रति को फाड़ लहराया
- हंगामे के बीच एजी की रिपोर्ट सदन में पेश
- स्पीकर की अपील अनसुनी, रिपोर्टर्स की कुर्सियां पलटी गयीं
- बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक वापस लेने की मांग
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(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक २०२१ को वापस लेने की मांग को लेकर संपूर्ण विपक्ष ने मंगलवार को अभूतपूर्व हंगामा किया। रिपोर्टस की कुर्सिया पलटी गयी, टेबल को मार्शल की सक्रियता व चौकसी के कारण पलटने में वे सफल नहीं हुए। विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की विपक्षी सदस्यों से अपने सीट पर लौटने की अपील अनसुनी रही।
पहली बार सात मिनट और दूसरी बार १० मिनट ही सदन हंगामे के बीच चली। हंगामे के बीच महालेखाकार की सिविल रिपोर्ट एवं बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व प्रबंधन संशोधन विधेयक को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पेश किया। हंगामा नहीं थमते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजनवाकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई वैसे ही बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग को लेकर बेल में आकर नारेबाजी करने लगे। माले के सत्यदेव राम इस विधेयक के प्रावधानों को गरीब विरोधी बता रहे थे जबकि राजद के ललित कुमार यादव एवं भाई वीरेंद्र व कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता इसे काला कानून करार दे रहे थे।
स्पीकर ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने के उद्देश्य से कहा कि इससे संबंधित कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया गया है। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक आज चर्चा और स्वीकृति के लिए सूचीवद्ध है। उस वक्त अपनी बातों को रखियेगा, परंतु विपक्ष सुनने को तैयार नहीं हुआ। इससे पहले सदन के बाहर भी विपक्षी सदस्यों ने प्रदर्शन व नारेबाजी की। हंगामा नहीं शांत होते देख स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही दोपहर १२ बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही जब दोपहर १२ बजे दुबारा शुरू हुई तो फिर वही दृश्य था। स्पीकर द्वारा सदन की कार्यवाही शुरू किये जाने की घोषणा करते ही संपूर्ण विपक्ष बेल में आकर नारेबाजी करने लगा। स्पीकर ने हंगामा के कार्यस्थगन की सूचना को नियमानुकूल नहीं बताते हुए अमान्य करने की घोषणा की। उन्होंने शून्य काल के तहत सदस्यों का नाम पुकारना शुरू किया इसके बाद विपक्ष उग्र रूख अख्तियार करने लगा।
हंगामे के बीच शालिनी मिश्रा, भागीरथी देवी समेत कई सदस्यों ने शून्यकाल की सूचना पढ़ पाये। विपक्षी सदस्य कुर्सी को पलटने लगे तो रिपोर्टर्स अपनी सीट को छोड़ भाग गये। माले के सदस्य उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जब एजी की रिपोर्ट पढ़ रहे तो उसे छीनने का प्रयास किया, जिसका कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह समेत कई मंत्रियों ने कड़ा विरोध किया। स्वयं उप मुख्यमंत्री प्रति छीनने की कोशिश कर रहे माले सदस्यों को डांट दिया।
इस बीच स्पीकर ने घोषणा की कि जिन प्रश्नों के उत्तर तैयार हैं उसे सदन के पटल पर रख दें। शून्य काल की सूचनाएं शून्य काल समिति को तथा ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति को सौंपी जाती है। हंगामा नहीं थमते देख स्पीकर ने १० मिनट में सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।