(आज समाचार सेवा)
पटना। श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बुधवार को विधानसभा में मुरारी प्रसाद गौतम के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में बताया कि कोरोना संक्रमण काल में आये सवा तीन लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जो बाहर काम के तलाश में जाने वाले हैं उन्हें सरकार रोकेगी नहीं जो यहीं रहकर रोजगार करना चाहें उन्हें सरकार रोजगार उपलब्ध करायेगी।
उन्होने बताया कि कोरंटीन अवधि में सवा दो लाख लोगों का रोजगार कार्ड बनाया गया है। मनरेगा से ४६.२५ लाख मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। आपदा प्रबंधन एवं श्रम संसाधन से ६९ हजार को, उद्योग विभाग के १८ कल्स्टर में ३७८ को रोजगार दिया गया है।
मुरारी गौतम समेत कई अन्य सदस्यों ने कहा कि क्या सरकार झारखंड के तर्ज पर बाहर से आने वाले मजदूरों का निबंधन कराना चाहती है। उससे यह पता चल जायगा कि बिहार में कितने प्रवासी मजदूर आये हैं और कितने को रोजगार मिला। असंतुष्ट सदस्यों को शांत करने के उद्देश्य से हस्तक्षेप करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि श्रमिकों के बारे में सरकार संवेदनशील है।
दो जून की रोटी के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है। सात निश्चय पार्ट टू में पंचायत स्तर पर मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करा कर रोजगार दिया जायेगा। वैसे जो बाहर जाना चाहते हैं उन्हें रोका नहीं जायेगा और जो राज्य में रहकर रोजगार मांगेंगे तो सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध करायेगी।