नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बनी सहमति के बाद सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया जारी हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पैंगोंग त्सो के फिंगर 5 के उत्तरी तट पर एक हेलीपैड को ध्वस्त कर दिया है।
चीनी सेना फिंगर 4 क्षेत्र को भी खाली कर रही है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था और भारत के साथ एलएसी पर यथास्थिति बदल दी थी। पीएलए सैनिक आश्रयों को भी ध्वस्त कर रहे हैं और अन्य किलेबंदी को हटा रहे हैं, जो उन्होंने पिछले साल बनाए थे।
12 फरवरी को बताया गया था कि बीजिंग ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो से अपने सभी युद्धक टैंक वापस भेज दिए हैं। PLA ने पूर्वी लद्दाख में अपने सबसे परिष्कृत युद्धक टैंक तैनात किए थे, जिसमें ZTZ-99 और ZTZ-88 टैंक और अन्य पैदल सेना के लड़ाकू वाहन शामिल थे।
यह विकास तब हुआ है, जब दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों ने 10 फरवरी से कई घर्षण बिंदुओं से सेना को पीछे हटाने पर सहमति व्यक्त की है। भारत और चीन के बीच मई 2020 से महीनों से जारी गतिरोध के बाद विघटन प्रक्रिया शुरू हुई।
राज्य सभा को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्टि की कि भारत और चीन ने 10 फरवरी को उत्तर और दक्षिण बैंक ऑफ पैंगोंग झील के पास से सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू की है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “आज सदन को सूचित करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि हमारे अच्छे विचार और चीनी पक्ष के साथ निरंतर वार्ता के परिणामस्वरूप हम अब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे पर एक समझौते पर पहुंचने में सक्षम हो गए हैं।”
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय धारणा के अनुसार LAC फिंगर 8 पर है, फिंगर 4 पर नहीं। यही कारण है कि भारत ने चीन के साथ वर्तमान समझ सहित फिंगर 8 तक गश्त का अधिकार बनाए रखा है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र के तट पर क़रीब दस महीने तक तैनात रहने के बाद भारत और चीन के सैनिक और टैंक डिसइंगेज हो रहे हैं।