Post Views: 721 श्रीश्री रवि शंकर हर व्यक्ति जन्मसे अनूठा है, सभीमें कुछ विशेष ऐसा है जो हमें औरोंसे अलग करता है। यही विशेषताएं तय करती हैं कि हम कौन है और किस परिस्थितिमें किस तरह व्यवहार करेंगे। ज्यादातर समय हम अपनी उन विशेषताओंके प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, जो हमें नुकसान पहुंचाती हैं […]
Post Views: 771 दीपचन्द परमपिता परमात्माका साक्षात्कार करनेकी विधिका नाम उपासना है। शांत चितसे ईश्वरका ध्यान करते हुए उसकी समीपताका अनुभव करना, अपनी आत्माको आनन्द स्वरूप परमेश्वरमें मगन करना उपासना कहा गया है। हमारे ग्रंथोंमें इसे भक्ति भी कहा गया है। जिस विधिसे चित्तकी वृत्तियोंका निरोध करके परमेश्वरके चिंतनमें स्वयंको लगाया जाता है, वही भक्ति […]
Post Views: 608 सुरेश शर्मा यह सत्य है कि राष्ट्रनिर्माणमें बहुतसे व्यक्तियोंका योगदान होता है। शिक्षक राष्ट्रके निर्माणकर्ताओंका निर्माता कहा जाता है। चपरासीसे लेकर प्रधान मंत्रीके जीवन निर्माणमें शिक्षककी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जहां प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परामें गुरुओंका मान-सम्मान होता रहा है, वहींपर कभी-कभी उनका अपमान भी होता रहा है। एक बात निश्चित है […]