576 एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दिये गये
पटना (आससे)। कोरोना की तीसरी लहर से निबटने में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत बिहार में खरीदे गये 576 एंबुलेंस का उपयोग होगा। एक एंबुलेंस का उपयोग अधिकतम दो प्रखंडों में किया जायेगा। एंबुलेंस का उपयोग करने के बदले सरकार गाड़ी मालिकों को 33 हजार रुपये महीना देगी। इस राशि में तेल की कीमत और ड्राइवर का मानदेय भी शामिल है।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह की ओर से इस बाबत सभी जिलाधिकारी, सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक और जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र भेज दिया गया है।
विभाग ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित मरीजों को अविलंब व सुरक्षित तरीके से अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर पहुंचाने के लिए राज्य में 102 एंबुलेंस सेवा कार्यरत है, लेकिन इसके अलावा भी एंबुलेंस वाहनों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी के आलोक में परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत खरीदे गये 576 एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराये गये हैं। साथ ही उक्त एंबुलेंस को भाड़े पर रखने को भी कहा गया है। सरकार की योजना के तहत उक्त एंबुलेंस को उपयोग करने के एवज में मासिक किराया दिया जायेगा।
एसी युक्त एंबुलेंस को दिये जाने वाले हर महीने 33 हजार रुपये में ड्राइवर के साथ ही एक हजार किलोमीटर के लिए तेल की कीमत भी शामिल है। अगर किसी महीने में कोई एंबुलेंस हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करता है ,तो वाहन मालिक को 11 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अतिरिक्त राशि दी जायेगी। हरेक जिला के सिविल सर्जन अपने-अपने जिलों में प्रखंडों की संख्या के आधार पर प्रति दो प्रखंड पर एक एंबुलेंस का उपयोग कर सकेंगे। उक्त एंबुलेंस का उपयोग कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग किया जा सकेगा।
इन वाहनों से कोरोना से संक्रमित मरीजों को अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर में ले जाया जा सकेगा। स्वास्थ्य विभाग ने जिलावार एंबुलेंस की संख्या सिविल सर्जन को उपलब्ध करा दी गयी है। एंबुलेंस के बारे में विस्तृत जानकारी जिला परिवहन कार्यालय से ली जा सकती है। भाड़े पर एंबुलेंस रखते समय सिविल सर्जन को यह ध्यान रखना होगा कि 102 एंबुलेंस सेवा के तहत जिले में चल रहे वाहनों का उपयोग हर दिन के औसत ट्रिप से कम न हो जाये।
भाड़े पर रखे जाने वाले एंबुलेंस का उपयोग करने के दौरान पूरी विवरणी रखनी होगी। लॉगबुक में उसकी इंट्री करनी होगी। रोगी के अभिभावक व सिविल सर्जन का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा। भाड़े वाले एंबुलेंस का किराया भुगतान रेफरल ट्रांसपोर्ट निधि के तहत किया जायेगा।