पटना (आससे)। बिहार सरकार ने ‘नंवेस्ट आईटी बिहार’ अभियान के तहत आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम बेस्ड स्टार्टप को रेंट-फ्री ऑफिस स्पेश के लिए आवेदकों को बढ़ावा देकर राज्य के आईटी प्रोफेशनल एवं कुशल युवाओं के प्रदेश से पलायन करने से बचाने के लिए एक प्रगतिशील कदम उठाया है। कोरोना महामारी की इस विषम परिस्थिति में इन युवाओं को अपने राज्य में ही विश्वस्तरीय सुविधाएं तथा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किए जाएंगे।
बिहार सरकार में सूचना प्रावैधिकी मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने कारोबारियों और निवेशकों को आईटी इंडस्ट्री में निवेश को प्रोत्साहित करने और बिहार को विशेषाधिकार प्राप्त इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए ‘इनवेस्ट आईटी बिहार’ कैंपने के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसके लिए बिहार सरकार ने पटना स्थित बिस्कोमान टावर में निर्मित स्टार्टअप हब में नए स्टार्टअप्स को रेंट-फ्री स्पेस मुहैया कराने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, इसे एक असाधारण पहल के रूप में देखा जाना चाहिए।
आईटी मंत्री ने कहा, ‘हम बिहार के आईटी सेक्टर में निवेश के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य बिहार को पूर्वी भारत को प्रमुख आईटी हब बनाना है’। बिहार सरकार पटना, बिहटा, राजगीर, दरभंगा और भागलपुर में आईटी पार्क विकसित करने के लिए पूर्ण विवेक और समझदारी से निवेश कर रही है।
इन 5 आईटी पार्क की स्थापना के साथ राज्य की राजधानी पटना में डाक बंगला चौराहे के पास, सबसे बड़े आईटी टावर को बनाने की भी योजना पर काम हो रहा है। यहां आईटी कंपनियों, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को अपने कार्यालय स्थापित करने के लिए जगह दी जाएगी, इस कदम से राज्य के युवाओं को रोजगार प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे।