पटना

बिहार में प्रमंडलीय-जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक के पद पर नहीं होगी अनुकम्पा बहाली


जुलाई 2006 के पूर्व थर्ड-फोर्थ  ग्रेड कर्मी के बदले सहायक शिक्षक बने अनुकम्पाधारी होंगे डिमोट

 (आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में प्रमंडलीय एवं जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा बहाली नहीं होगी। इसलिए कि एक जुलाई 2006 के प्रभाव से प्रमंडलीय संवर्ग एवं जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक के पद मरणशील हैं।

इससे संबंधित अधिसूचना शिक्षा विभाग द्वारा जारी हुई है। यह अधिसूचना न्यायादेश एवं विभागीय आदेश-पत्र पर महाधिवक्ता के विधिक परामर्श के आलोक में जारी की गयी है। इसके मुताबिक एक जुलाई 2006 के पूर्व सेवाकाल में मृत प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं शिक्षकेतरकर्मी के जिन आश्रितों का सक्षम प्राधिकार यथा जिला अनुकम्पा समिति द्वारा एक जुलाई 2006 के पूर्व वर्ग तीन अथवा वर्ग चार के पद पर अनुकम्पात्मक नियुक्ति हेतु अनुशंसा की गयी हो, उन आश्रितों की वर्ग तीन अथवा वर्ग चार के नियमित वेतनमान में नियुक्ति 12 जनवरी 2018 के प्रभाव से की जायेगी।

अधिसूचना में कहा गया है कि जिला स्तरीय अनुकम्पा समिति द्वारा एक जुलाई 2006 के पूर्व वर्ग तीन अथवा वर्ग चार के पद पर जिला संवर्ग अथवा प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षक के पद पर नियमित वेतनमान में नियुक्ति की गयी हो, उनकी अनुकम्पा समिति की अनुशंसा के अनुरूप वर्ग तीन अथवा वर्ग चार के पद के विरुद्ध नियुक्ति की जाय। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में संदर्भित कर्मियों को वेतन संरक्षण का लाभ अनुमान्य नहीं होगा। पूर्व की सेवा को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे कर्मियों को वर्ग तीन अथवा वर्ग चार के पद पर नियुक्ति के पश्चात यथा अनुमान्य वेतन स्तर में पूर्व की सेवा में प्राप्त वेतन वृद्धियों की संख्या के अनुरूप उच्चतर वेतन प्रक्रम का लाभ देय होगा। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विश्वनाथ पाण्डेय (2013) 10 एसएससी 545 में पारित न्याय- निर्णय से संबंधित वादी पर यह आदेश प्रभावी नहीं होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि एक जुलाई 2006 के पूर्व सेवाकाल में मृत प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी के आश्रितों को जिला अनुकम्पा समिति द्वारा एक जुलाई 2006 एवं इस तिथि के पश्चात अनुकम्पात्मक नियुक्ति हेतु की गयी अनुशंसा के मामलों में आश्रितों को इंटरमीडिएट एवं प्रशिक्षण की अहर्ता होने के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता के आधार पर संगत नियोजन नियमावली के आलोक में पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्थाओं द्वारा पंचायत प्रारंभिक शिक्षक या नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के पद पर नियुक्ति की जाय।

इसके साथ ही 21 अगस्त 2020 को निर्गत विभागीय संकल्प संख्या 1128 के तहत एक जुलाई 2006 एवं इस तिथि के बाद प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर संबंधित प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी जिस विद्यालय में कार्यरत थे, उस क्षेत्र के लिए चिन्हित नियोजन इकाई अर्थात जिला परिषद अथवा नगर निकाय में विद्यालय सहायक अथवा विद्यालय परिचारी के पद पर भी नियोजन हेतु उनके आश्रित संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन दे सकेंगे। शैक्षणिक अहर्ता के अनुरूप संबंधित आश्रित को क्रमश: विद्यालय सहायक अथवा विद्यालय परिचारी के पद पर नियोजन की अनुमान्यता होगी।

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि एक जुलाई 2006 एवं इस तिथि के बाद प्रमंडलीय संवर्ग अथवा जिला संवर्ग के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी एवं पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्थाओं के अधीन राजकीय, राजकीयकृत प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय सहित) में कार्यरत शिक्षकों की सेवाकाल में मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित की इंटरमीडिएट एवं प्रशिक्षण की अहर्ता होने के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता के आधार पर संगत नियोजन नियमावली के आलोक में पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्थाओं द्वारा पंचायत प्रारंभिक शिक्षक अथवा नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के पद पर नियुक्ति की जाय।

इसके साथ ही 21 अगस्त 2020 को निर्गत विभागीय संकल्प संख्या 1128 के तहत एक जुलाई 2006 एवं इस तिथि के बाद प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर संबंधित प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेतरकर्मी जिस विद्यालय में कार्यरत थे, उस क्षेत्र के लिए चिन्हित नियोजन इकाई अर्थात जिला परिषद अथवा नगर निकाय में विद्यालय सहायक अथवा विद्यालय परिचारी के पद पर भी नियोजन हेतु उनके आश्रित संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से आवेदन दे सकेंगे। शैक्षणिक अहर्ता के अनुरूप संबंधित आश्रित को क्रमश: विद्यालय सहायक अथवा विद्यालय परिचारी के पद पर नियोजन की अनुमान्यता होगी।