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- शहर के सभी थाना पुलिस थी मुस्तैद और जगह-जगह की गई थी पुलिस की तैनाती
- एसडीओ और अपर एसडीओ भी सम्भाल रखे थे मोर्चा
- गाइड लाइन के अनुरूप बारात और रिसेपसन पर लगा नियंत्रण तो इसका होगा काफ़ी फैदा
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बिहारशरीफ (आससे)।काश नालंदा जिला प्रशासन एक पखवाड़े पहले इस तरह सजग हुइ होती। जबराज्य में रात्रि कर्फु का ऐलान हुआ था और बाजार ऑड इवेण प्रणाली से खोलने का निर्णय लिया गया थातब से शक्ति बरती गई होती तो शायद जिले में करोना का कहर इस कदर नहीं बरपा होता।
बीते कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जब राज्य के जिला पदाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षक के साथबैठक हुई और सीएम का तेवर तल्ख हुआ तो निश्चित तौर पर इसका असर भी नालंदा में देखने को मिला ।गुरुवार से कोविड-19 को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन में व्यापक बदलाव किया ,इसके तहत जिले मेंनिषेधाज्ञा लगाई गई ,दुकानों खोलने के लिए समयावधि घटाया गया ।6:00 बजे शाम के बजाए 4:00 बजेशाम में ही दुकान बंद करने का आदेश हुआ ,नाइट करफ़्फ़ु की अबधि भी बढ़ा दी गई शाम 6:00 बजे सेसुबह 6:00 बजे तक कर्फ्यू रहेगा और इसे सख्ती से पालन करने का निर्देश मिला है।
गुरुवार को नए गाइडलाइन के अनुसार प्रशासन द्वारा जो पहल की गई अगर वह आगे भी जारी रही तोइसमें कोई दो राय नहीं कि करोना संक्रमण पर लगाम लगाया जा सकता है। यह कहा जा सकता है किकरोना हारेगा और जनता जीतेगी लेकिन इसके लिए प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति चाहिए। गुरुवार को शहर के बिहार थाना ,लहेरी थाना सोहसराय थाना पुलिस के अलावे ट्रैफिक थाना के लोग भी सड़कों परउतरे देखेगये। और देखते ही देखते ना केवल बाज़ार बंद हुई ,सड़कों पर भी सन्नाटा पसर गया। जगह जगहपर जहां भीड़ की आशंका थी वहां पुलिस की तैनाती कर दी गई थी ,खासकर भराव पर अंबेर पुलपर ,सोहसराय आदि इलाके में पुलिस की तैनाती थी जहां लोग 4:00 बजे के पूर्व ही दुकानें बंद करने की तैयारीशुरू कर दी थी।
इधर दूसरी ओर बिहारशरीफ़ के अनुमंडल पदाधिकारी तथा अपर अनुमंडल पदाधिकारी रामचंद्रपुर,बाजारसमिति भरवपर आदि इलाके में दल बल के साथ सड़क पर उतरे और दुकानें बंद कराते दिखे। लोगों सेलगातार अपील कर रहे थे कि जरूरत ना हो तो सड़कों पर ना निकले। समय से दुकानें बंद करें। निश्चित तौर पर आज जिस तरह से हुई अगर उसी तरह कड़ाई से फॉलो किया जाता रहा तो आने वाले दिनों मेंइसका अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है।
प्रावधान के तहत आज से बारात पार्टी में अधिकतम 50 लोग शरीक हो सकते हैं जबकि मृत्यु भोज में 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति है काश जिला प्रशासन के लोग इस पर काबू कर ले अगर लग्न की इसदौर में बारातियों पर लगाम लग गई तो करोना संक्रमण के एक बडे कारक पर लगाम लग सकता है।
वजह यह है कि भारी संख्या में लोग शादी समारोह में बरऔर बहू दोनों ओर से शिरकत कर रहे हैं परंपरागतविधि विधान में न तो मास्क का उपयोग हो रहा है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा हैस्थिति यह है कि एक भी व्यक्ति संक्रमित होता है तो कई गांव और कई मोहल्ले के लोग संक्रमित होते हैं। और, फिर जाने अनजाने इसका प्रसार कई इलाकों में हो जा रहा है। हालांकि यह भी सच है कि आज केदिनों में लोग खुद से समारोहों से दूर हुए हैं, शादी विवाह में आने जाने में कमी जरूर किए हैं।
लेकिन खासकर महिलाएं परंपरागत विधि विधान में करोना गाइडलाइन का खुलकर उल्लंघन करते दिख रहे हैं। अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि जिला प्रशासन के लोग बारात और शादी समारोहों में गाइडलाइनका पालन करवा पाते हैं या नहीं अन्यथा अभी बाजे बारात के लिए बहुत सारे लग्न शेष है और इस तरहलोगों को शादी समारोह में छुट्टा घूमने की छूट दी गई तो निश्चित तौर पर चाहे जो भी पहल कर लिया जाएकोविड-19 मन पर काबू पाना आसान नहीं होगा।