पटना

बिहारशरीफ: जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक- वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर लगेगा गति राडार


      • बिहारशरीफ शहरी क्षेत्र में 70 फीसदी बाइकर लगाते है हेलमेट ग्रामीण क्षेत्रों में और भी कम
      • डीएम का निर्देश अभियान चलाकर बाइकर्स को हेलमेट लगाने के लिए करें प्रोत्साहित
      • ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि इस वर्ष वाहन चेकिंग अभियान में एक करोड़ से अधिक की हुई वसूली
      • जिले में खोलना है पांच चालक शिक्षण संस्थान जिसे सरकार देगी 20 लाख का अनुदान

बिहारशरीफ (आससे)। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तीन या तीन से अधिक लोगों के घायल या मृत्यु होने के पश्चात एक संयुक्त जांच करें, जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल मौजूद होंगे। सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने का भी निर्देश दिया गया। साथ ही जिले में परिवहन विभाग के द्वारा पांच चालक शिक्षण संस्थान खोले जाने की बात कही गयी। ऐसे संस्थानों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाती है, जिसमें गाड़ी चालक को ड्राइविंग का पूर्णतः प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जिला परिहवन पदाधिकारी को दुर्घटना की स्थिति में या अन्य आवश्यकतानुसार गाड़ी के लोकेशन पता करने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस का उपयोग करने को कहा गया है। पुलिस उपाधीक्षक यातायात द्वारा बताया गया कि इस वर्ष वाहन जांच अभियान के दौरान एक करोड़ रुपये से ज्यादा जुर्माना प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत बाइक सवार लगभग हेलमेट का प्रयोग करते है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिशत और कम है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए हेलमेट का जांच अभियान तेजी से चलाने का निर्देश दिया ताकि दुर्घटना से हुई क्षति को कम किया जा सके।

दुर्घटना करने वाले वाहन चालक को उचित दंड देने के अलावे उसे ड्राइविंग के लिए सही प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की भी बात चली। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि दुर्घटना के द्वारा घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने वालों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जायेगा। जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि हाइवे पर अधिक से अधिक गति राडार को भी स्थापित किया जाय ताकि तेज गति के कारण सड़क दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके। जिला शिक्षा पदाधिकारी को छः और उससे के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करने और शिक्षकों को यातायात पुलिस के साथ इसपर पर परिचर्चा कराने का भी निर्देश दिया गया।

सिविल सर्जन को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधा 24 घंटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जान बचायी जा सके। सिविल सर्जन को इस कार्य के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्स की पदस्थापना करने का निर्देश दिया गया है। जबकि कार्यपालक अभियंता को जिला में प्रत्येक सड़क पर गड्ढों और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उसे मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही साईन एज, इंडीकेटर और स्ट्रीट लाइट को भी मरम्मत कराने को कहा गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को जागरूकता फैलाने के लिए सड़क सुरक्षा दूत का चयन करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, ट्रैफिक डीएसपी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल, आरडब्लूडी आदि लोग मौजूद थे।