पटना

बिहारशरीफ: नालंदा सांसद ने लोकसभा में- कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप प्रदान करने का मामला उठाया


जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए दोनों फसल मौसम में न्यूनतम समर्थन मूल्य की जाती है घोषित

बिहारशरीफ (आससे)। नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने किसानों के विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप प्रदान करने और एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने के लिए बजट सत्र के दौरान लोकसभा में मामला उठाते हुए कहा कि मंडियों के बाहर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर खरीद को रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किया जा रहा है। उन्होंने मंडियों के बाहर इस पर प्रभावकारी नियंत्रण की भी मांग उठायी।

इसके प्रत्युत्तर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए दोनों फसल मौसम में प्रत्येक वर्ष उचित और औसत गुणवत्ता के 22 प्रमुख जीन्सों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है तथा विभिन्न स्कीमों के माध्यम से लाभकारी मूल्य भी दिलाती है।

सांसद के जवाब में कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि एमएसपी की घोषणा और सरकारी खरीद प्रचालनों के लिए समर्ग बाजार भी कार्य करता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी पर या उससे ऊपर निजी खरीद भी होती है। सरकार भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के माध्यम से धान और गेहूं के लिए मूल्य समर्थन पर खरीद की जाती है।

इसके तहत निर्धारित अवधि में और सरकार द्वारा निर्धारित विशेष विवरणों के अनुरूप किसानों द्वारा भी खाद्यान्न बेचने के लिए लाये जाते है। उन्हें एफसीआई सहित राज्य सरकार के एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में खरीफ विपणन सीजन के लिए खरीद चल रही है।