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- पावापुरी ओपी एवं दीपनगर थाना अंतर्गत तीन स्थानों पर कच्चा कोयला में आग लगाकर बनाया जा रहा है पक्का कोयला
- इस अवैध कारोबार को बरधस्त प्राप्त है संबंधित थाना पुलिस का
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बिहारशरीफ (आससे)। पर्यावरण सरंक्षण के प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर रहे है। पर्यावरण बचाने के लिए सरकार ही नहीं पार्टी स्तर पर भी उन्होंने कई कार्यक्रम चलाया है। लेकिन उनके गृह जिला में ही पुलिस के संरक्षण में धड़ल्ले से प्रदूषण फैलाया जा रहा है। हाल के दिनों में जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कई स्थानों पर अवैध रूप से कोयला जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है।
बताते चले कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए बिहार में चिमनी भट्ठा पर नया प्रावधान लागू किया गया और ऊंचा चिमनी का निर्माण कराया गया ताकि पर्यावरण कम से कम प्रदूषित हो। चिमनी भट्ठा में कोयला का उपयोग होता है और कोयला जलने से अधिक धुआं और प्रदूषण होने के कारण मुख्यमंत्री की पहल पर सरकारी कार्यों में हॉल ब्रिक, फ्लाई ऐश जैसे ईंट का प्रयोग होने लगा। वजह एक ही थी कि कम से कम कोयला जले और प्रदूषण कम से कम हो।
लेकिन ठीक इसके विपरीत पिछले कुछ महीनों से पावापुरी ओपी एवं दीपनगर थाना क्षेत्र में अवैध रूप से कच्चा कोयला को जलाकर पक्का कोयला बनाया जा रहा है। ना तो यहां पर कोई चिमनी है और ना ही वायु प्रदूषण रोकने की कोई पहल। सीधे जमीन पर कोयला में आग लगाकर इसे पकाया जाता है। इससे निकलने वाले धुआं से जहां प्रदूषण फैल रहा है वहीं मिट्टी की उर्वरा भी समाप्त हो रही है। और तो और अवैध रूप से चल रहे कोयले के इस कारोबार से ना एक पैसा का रॉयल्टी आ रहा है और ना ही कोई जीएसटी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के पावापुरी ओपी अंतर्गत राइफल मोड़ के पास से बजरंगी बिगहा गांव के रास्ते में धड़ल्ले से कोयला की अवैध रूप से जलाई की जा रही है। इसी तरह दीपनगर थाना अंतर्गत मेहनौर बिजवनपर अंतर्गत आईटीआई कॉलेज के पास चिमनी भट्ठा पर तथा दीपनगर थाना के ही कोसुक तरिया पर कोयले की अवैध जलाई हो रही है। स्थिति यह है कि आसपास के इलाके में धुआं ही धुआं नजर आता है। ट्रक का ट्रक कोयले की ढेर में आग लगायी जाती है और यह काम लगातार जारी है।
सूत्रों की मानें तो संबंधित थाना पुलिस को ना केवल इसकी खबर है बल्कि इसका संरक्षण भी है। सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों तत्कालीन एसपी द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद अवैध कोयला का कारोबार पर विराम लग गया था। लेकिन एक बार फिर कच्चा कोयला को पक्का कोयला बनाने के नाम पर जहां अवैध कारोबार चल रहा है। वहीं अपनी कुछ आमदनी की लालच में पूरे आसपास के इलाके में प्रदूषण फैलाया जा रहा है। खास बात तो यह है कि इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने वाली पुलिस ही संरक्षण दे रखी है।