बेगूसराय (आससे)। आवास भत्ता को लेकर शिक्षा विभाग में चल रहे विवाद से कब मिलेगी निजात। बताते चलें कि इन दिनों कई विद्यालयों में आवास भत्ता को लेकर विवाद चल रहे हैं जिसकी शिकायत शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर डीपीओ स्थापना तक की जा रही है। जहां विद्यालय के शिक्षक एक दूसरे विद्यालय पर आरोप लगा रहे हैं कि एक विद्यालय को आवास भत्ता 8% मिल रहा है तो वही किसी को 6% मिल रहा है। जबकि नियम है कि नगर निगम के परिसीमन सीमा के तहत आवास भत्ता 8% देय है। लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही कहें या विद्यालय प्रधान के द्वारा गुमराह करने की साजिस, जिसके वजह से एक ही कैंपस में कुछ कर्मचारी को आवासीय भत्ता 8% मिलते हैं तो वहीं कुछ कर्मचारी को आवासीय भत्ता 6% मिलते हैं।
हालांकि इस आदेश के बावाजूद जिले के कई स्कूल जो नगर निगम क्षेत्र के आठ किलोमीटर की परिधि में नहीं आते थे उन्हें भी आठ प्रतिशत आवास भत्ता दिया जा रहा था। लेकिन बाद में शिक्षा विभाग को शिकायत मिलने पर बेगूसराय ट्रेजरी द्वारा वर्ष 2019 में हाई स्कूल बीहट, हाई स्कूल राजवाड़ा, बालिका बीहट, राष्ट्रीय तेघड़ा और ओमर तेघड़ा के शिक्षकों के आवास भत्ता पर रोक लगा दिया। लेकिन शिक्षक संगठन के पहल पर बीहट उच्च विद्यालय, वैदेही वल्लभ शरण बालिका उच्च विद्यालय, राजबाड़ा उच्च विद्यालय व परियोजना लाला कुंवर बालिका उच्च विद्यालय शोकहरा के शिक्षक व कर्मियों को आठ प्रतिशत किराया भत्ता देने का आदेश जारी किया गया। लेकिन राष्ट्रीय तेघड़ा और ओमर तेघड़ा का नाम छोड़ दिया गया।
वहीं ज्ञात हो कि राजवाड़ा उच्च विद्यालय को जब छह प्रतिशत आवास भत्ता प्रतिशत दिया गया था तो उस समय भी उसी परिसर स्थित मध्य विद्यालय के शिक्षकों को 8 प्रतिशत मिलता रहा। इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि एक ही कैंपस में चल रहे 2 विद्यालयों में भी दो तरह की आवासीय भत्ता दी जा रही है। बताते चलें कि सरकार के गाइड लाइन के अनुसार नगर निगम के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों को 8% नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के कर्मचारी को 6% तो वही ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले विद्यालयों को 4% आवास भत्ता देय है।
ज्ञात हो कि छठा वेतन में नियमावली में जिक्र किया गया था कि नगर निगम के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों को 10% नगर पंचायत को 8% तो ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में 6% मिलती थी। लेकिन सातवां वेतन आयोग के आने के बाद आवास भत्ता में कटौती की गई। जिसके उपरांत नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत 8% नगर पंचायत एवं नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत 6% एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 4% आवास भत्ता देय है। तो वहीं औद्योगिक क्षेत्र के परिसीमन के तहत आने वाले 8 किलोमीटर के दायरे में विद्यालयों को 8% आवासीय भत्ता देय है।
बताते चलें कि सातवां वेतन आयोग के आने के बाद पुनः परिसीमन 1 अप्रैल 2017 के अनुसार आवास भत्ता देने को लेकर तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम के द्वारा आवास भत्ता से संबंधित परिसीमन का क्षेत्र तय करवाया गया था। वहीं इस मामले को बढ़ते देखकर स्थापना डीपीओ रविंद्र कुमार साहू ने आवास भत्ता से संबंधित विवादस्पद मामले को देखते हुए फ़ाइल को जिला पदाधिकारी के यहां भेजने का निर्णय लिया है। जब तक विभाग के द्वारा परिसीमन सही नहीं की जाती है यह विवाद चलता ही रहेगा। और, शिक्षक संगठनों के बीच राजनीति भी खूब होती रहेगी। यह किसी एक विद्यालय का मामला नहीं है दर्जनों विद्यालय में इस तरह के मामले आ रहे हैं।
जबकि एक बार परिसीमन तय हो जाएगी तभी यह विवाद समाप्त हो पाएगा। हालांकि जिला पदाधिकारी के आदेश के बाद ही मामले शांत हो पायेगा। सबसे दिलचस्प पहलू है कि कुछ को 8% तो वही कुछ को 6 प्रतिशत आवास भत्ता दी जा रहा है जो कि विवाद का कारण बना हुआ है। फिलहाल उक्त मामला जिला पदाधिकारी के यहां भेजने का निर्णय लिया गया है।