पटना

बेगूसराय: सात पंचायत शिक्षक नियोजन इकाईयों पर कार्रवाई हेतु अनुशंसा एवं गलत तरीके से बहाल हुए शिक्षक अभ्यर्थियों का नियोजन रद्द


बेगूसराय (आससे)। सात शिक्षक नियोजन इकाई पर कार्रवाई की अनुशंसा एवं गलत तरीके से नियोजित हुए शिक्षक अभ्यार्थियों का नियोजन रद्द। बताते चलें कि तेघड़ा प्रखंड के आधारपुर पंचायत में कागजातों की गहन जांच की गई तो पता चला कि इसमें कई तरह की गड़बड़ी है वही औपबंधिक मेधा सूची के साथ छेड़छाड़ भी की गई है, जिसके खिलाफ आपत्ति दर्ज अभ्यार्थियों के द्वारा करवाई गई थी। जिसकी जांच की गई तो पता चला कि मेधा सूची में छेड़छाड़ हुई थी। इसी को लेकर आधार पुर पंचायत नियोजन इकाई पर कार्रवाई की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा किया गया।

तो वहीं तेघरा प्रखंड के ही चिलाहय पंचायत में संशोधित मेधा सूची के साथ अगस्त माह में आयोजित द्वितीय काउंसलिंग हेतु निर्धारित तिथि को काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण कराए जाने की बात कही गई है। उक्त पंचायत में 21 अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा में 82 अंक उनके परीक्षाफल में अंकित है, लेकिन उन्हें 2 अंक वेटेज दे दिया गया जो कि नियम के विरुद्ध है। इसलिए चिलाहय पंचायत नियोजन इकाई पर भी कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है।

साथ ही सदर प्रखंड के सांख पंचायत में अभ्यार्थी अनिल कुमार का गलत चयन किया गया है पंचायत नियोजन इकाई पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है आरोप है कि काउंसलिंग में नाम पुकारे जाने के क्रम में 44 क्रमांक पर अंकित अनिल कुमार पिता रामाश्रय यादव का नाम प्रकाशित किया जिनका मेधा अंक 76.70% तत्पश्चात अनारक्षित महिला कोटि में 70.2% अंक है। वहीं अति पिछड़ा वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थी को 74.37% अंक का चयन किया गया जो कि नियम के विरुद्ध है। इसलिए सांख पंचायत नियोजन इकाई पर भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

वहीं मंझौल पंचायत 3 नियोजन इकाई द्वारा उपलब्ध कराए गए चयनित अभ्यार्थियों के फोल्डर एवं मेधा सूची में जांच उपरांत पाया गया कि चयनित अभ्यर्थी अहमद अली को बीबीसी में B.Ed डिग्री है तथा स्नातक में 48.6% अंक हैं जबकि नियमानुसार स्नातक में 50% अंक होना चाहिए इसी को लेकर मझौल 3 पंचायत पर भी नियोजन इकाई के विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। साथ ही नावकोठी प्रखंड के विष्णुपुर पंचायत में पूनम कुमारी का गलत चयन किया गया। पंचायत नियोजन इकाई पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए पूनम कुमारी का नियोजन रद्द किया गया।

वहीं बरौनी प्रखंड के सहुरी पंचायत में खुशबू कुमारी पिता राम उदय सिंह का इंटर में प्राप्तांक प्राप्त 436 अंक पाया गया है जिसका पूर्णांक 900 है। जिसके आधार पर 63 .21% है जबकि मेधा सूची में इंटर में अंकित प्राप्तांक 436 अंक को पूर्णांक 500 पर प्रतिशत निकाला गया है जिसके आधार पर 87.20% हो जाता है। वहीं 74. 14% अंक वाले 63 अभ्यर्थी वहां मौजूद थे। इस पर भी आरोप गठित हुआ कि इनका चयन गलत हुआ है, इसलिए सहुरी पंचायत नियोजन इकाई पर भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

वहीं पंचायत नियोजन इकाई नौला के द्वारा उपलब्ध कराए गए चयनित सूची एवं फोल्डर तथा प्राप्त शिकायत से स्पष्ट है कि पंचायत नियोजन इकाई के द्वारा एक ही अभ्यर्थी को दो आवेदन लिया गया तथा काउंसलिंग के क्रम में उच्च मेधा क्रमांक 26 मेधा प्रतिशत 77.619% अंक दर्शाया गया और अभ्यार्थी सुजीत कुमार का चयन कर लिया गया। काउंसलिंग पंजी पर मेधा क्रमांक 268 मेधा प्रतिशत 69 . 252 अंकित है। सुजीत कुमार का गलत चयन कर लिया गया, इसलिए नौला पंचायत नियोजन इकाई पर भी कार्रवाई की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन के द्वारा की गई है।

वहीं चांदपुरा पंचायत प्रखंड बेगूसराय के रूपा कुमारी द्वारा दिए गए लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया कि शिक्षक नियोजन में धांधली की गई जिसकी जांच उपरांत पाया गया कि रूपा कुमारी का दावा गलत है। इसके दावे को निरस्त कर दिया गया वही नियोजन इकाई पिपरा देवस बरौनी में काउंसलिंग हेतु निर्धारित तिथि 12 जुलाई को अधोहस्ताक्षरी के स्तर से अधिकृत प्रखंड नियंत्रण कक्ष कर्मी के द्वारा जिला नियंत्रण कक्ष में सूचित किया गया कि मेधा सूची गलत बना हुआ है संशोधित मेधा सूची के साथ अगस्त माह में आयोजित द्वितीय नियोजन में काउंसलिंग होने की बात कहीं गई है।

इस संदर्भ में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण से बात की तो उन्होंने बताया कि मेधा सूची की जांच बारीकी से की गई है। जिसके बाद गलत रूप से नियोजित हुए अभ्यार्थी को पकड़ा गया। ज्ञात हो कि पंचायत स्तर पर कई तरह की धांधली की शिकायत शिक्षा विभाग को मिलती रही है। इसी को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने सभी दस्तावेजों की गहन जांच कर दोषी नियोजन इकाई पर कार्रवाई हेतु अनुशंसा की है। अब देखना यह होगा कि द्वितीय नियोजन जो कि 2 अगस्त से आयोजित है, उसमें किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत आती है या फिर नियोजन इकाई साफ-सुथरी तरीके से नियोजन का कार्य करेंगे या फिर मेधा सूची में हेराफेरी कर गलत शिक्षकों का नियोजन करेंगे।

हालांकि इस बार शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर सख्त है किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत विभाग को मिलती है तो उसकी जांच पड़ताल कर गलत तरीके से नियोजित हुए शिक्षकों का नियोजन रद्द कर नियोजन इकाई के ऊपर कार्रवाई हेतु अनुशंसा की जा रही है।