नई दिल्ली। भारत आज चाबहार दिवस(Chabahar day) मना रहा है। मेरीटाइम इंडिया समिट 2021(Maritime India Summit-2021) के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चाबहार दिवस मनाते हुए अपना उद्घाटन भाषण दिया। मैरीटाइम इंडिया समिट -2021 में ‘चाबहार दिवस’ पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चाबहार पोर्ट न केवल क्षेत्र के लिए एक वाणिज्यिक पारगमन केंद्र के रूप में उभरा है, बल्कि मानवीय सहायता के वितरण की सुविधा भी है, खासकर COVID-19 महामारी के दौरान पोर्ट अफगानिस्तान के लोगों की शांति, स्थिरता और समृद्धि के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि आज की घटना हमारे क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाने और चाबहार के माध्यम से मध्य एशियाई देशों में समुद्र तक पहुंच प्रदान करने के लिए सभी क्षेत्रीय हितधारकों के साथ मिलकर काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस वर्चुअल आयोजन में अफगानिस्तान, आर्मीनिया, ईरान, कजाकिस्तान, रूस और उज्बेकिस्तान के मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
विदेश मंत्री ने कहा कि चाबहार दिवस त्रिपक्षीय परिवहन और पारगमन गलियारे की स्थापना पर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के 5 वर्षों को भी याद करने का दिन है। यह समझौता भारत, अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिय के बीच समृद्ध सभ्यता, सांस्कृतिक और व्यापार संबंधों के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने सितंबर 2020 में अफगानिस्तान को मानवीय खाद्य सहायता के रूप में चाबहार पोर्ट का उपयोग 75,000 मीट्रिक टन गेहूं के जहाज के लिए किया है। भारत ने भी ईरान को पिछले 25 वर्षों में सबसे खराब आक्रमण से लड़ने में सहायता प्रदान की, जून 2020 में चाबहार बंदरगाह के माध्यम से 25 मीट्रिक टन मालाथियन की आपूर्ति की।